आरोपित लिपिक का कार्यालय में पदस्थापन की जांच करने पहुंचे अपर निदेशक, नहीं उपस्थित हुए सीएस

सीतामढ़ी । सिविल सर्जन कार्यालय सीतामढ़ी में आरोपित लिपिक का किए गए पदस्थापन की जांच करने रविवार को क्षेत्रीय अपर निदेशक तिरहुत प्रमंडल पहुंचे। लेकिन, सूचना के बावजूद सिविल सर्जन जांच स्थल सदर अस्पताल नहीं पहुंचे। यहां तक कि जांच स्थल पर सिविल सर्जन कार्यालय का कोई कर्मी भी मौजूद नहीं था। हालांकि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक, प्रभारी अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व वर्तमान तथा पूर्व कर्मचारी मौजूद थे। इससे नाराज क्षेत्रीय अपर निदेशक ने कहा कि सिविल सर्जन वरीयता क्रम में कनीय हैं। इसके बावजूद जांच स्थल पर उपस्थित नहीं हुए। सिविल सर्जन द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय डुमरा में हीं आने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। वे चाह रहे थे कि जांच कार्य पूर्ण हो जाए। इसके बावजूद वे जिला स्वास्थ्य समिति कार्यालय डुमरा में पहुंचकर सिविल सर्जन को निर्धारित जांच स्थल पर चलने के लिए कई बार आग्रह किया। लेकिन वे चलने के लिए तैयार नहीं हुए। कुछ कर्मियों से गुफ्तगू कर वे पुन: अपने कक्ष में चले गए। क्षेत्रीय अपर निदेशक ने कहा कि सिविल सर्जन के इस कृत से स्पष्ट होता है कि स्वच्छ एवं पारदर्शी जांच को प्रभावित करने के लिए वे प्रयास कर रहे थे। साथ ही जांच कार्य में सहयोग न कर हठ धर्मिता, क‌र्त्तव्यहीनता व वरीय पदाधिकारी के आदेश की अवहेलना की है। सिविल सर्जन के इस तरह के रवैये से स्पष्ट होता है कि शिकायत एवं साक्ष्य में कुछ हद तक सत्यता है। इसके बाद पुन: क्षेत्रीय अपर निदेशक निर्धारत जांच स्थल सदर अस्पताल आकर आरोप की जांच की। कहा कि सिविल सर्जन का जांच में उपस्थित नहीं होना गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है। बतातें चलें कि छात्र राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष मोतीलाल यादव ने सिविल सर्जन डॉ.राकेशचंद्र सहाय वर्मा पर धन उगाही कर आरोपित लिपिक का पदस्थापन किए जाने की शिकायत तिरहुत प्रमंडल आयुक्त से की थी।

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