कोरोना के बढ़ते दायरे में सिमटा 'लाल घेरा'

मधेपुरा। एचआइवी कोरोना से कम घातक बीमारी नहीं है, लेकिन कोरोना काल में इसकी जांच पर ब्रेक लग गई थी। 18 माह से ज्यादा समय से कोरोना का कहर जारी है। इस काल में अस्पताल में एचआइवी जांच पर भी ग्रहण लगा।

कोरोना संक्रमण के कारण स्वास्थ्य विभाग ने एचआइवी जांच कार्य को कई माह तक बंद कर उसकी जांच में लगे लैब टेक्नीशियनों को कोविड जांच में लगा दिया था। लिहाजा सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों में गत वर्ष 12,299 लोगों की ही एचआइवी जांच हो पाई, जबकि वर्ष 2019-20 में 17,155 लोगों की एचआइवी जांच की गई थी। जांचोपरांत 68 लोग एचआइवी पॉजिटिव मिले थे, जबकि इस साल मात्र 29 लोग ही पॉजिटिव मिले हैं। जांच नहीं होने से ऐसे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। जिनमें इस बीमारी से ग्रसित होने की संभावना है। एचआइवी पॉजिटिव मिले सभी को इलाज के लिए एआरटी केंद्र खगड़िया भेज दिया गया है।
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टेक्नीशियन को लगा दिया गया था कोरोना जांच में कोरोना संक्रमण के कारण एचआइवी जांच व परामर्श कार्य को स्वास्थ्य विभाग ने कई माह से बंद कर दिया था। जांच में लगे लैब टेक्नीशियन को कोरोना जांच में लगा दिया गया था। लिहाजा सदर अस्पताल सहित जिले के विभिन्न अस्पतालों में जांच बंद हो गया था। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने एचआइवी जांच कार्य को बंद कर कर्मियों को कोरोना जांच में लगा दिया था।
वर्ष 2019-20 में हुई जांच कुल जांच : 17,155 पुरुष : 4,476 महिला : 12,679 पॉजिटिव पुरुष : 36 पॉजिटिव महिला : 32 वर्ष 2020-21 में हुई जांच कुल जांच : 12,299 पुरुष : 1,746 महिला : 10,553 पॉजिटिव पुरुष : 17 पॉजिटिव महिला : 12
कोट वर्तमान में एचआइवी की जांच की जा रही है। कोरोना के कारण वित्तीय वर्ष 2020-21 में कर्मियों को कोरोना जांच में लगा दिया गया था। इस कारण एचआइवी की जांच बंद कर दी गई थी। -डॉ. फुल कुमार, प्रभारी
एचआइवी जांच व परामर्श केंद्र, मधेपुरा
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