नशे के सौदागरों के निशाने पर युवा

जमुई। जिले में नशे का कारोबार पांव पसार रहा है। झाझा शहर ब्राउन शुगर का सेंटर बनता जा रहा है। पटना, दानापुर और भागलपुर से ब्राउन शुगर की खेप यहां पहुंच रही है। युवा वर्ग नशे के सौदागरों के निशाने पर हैं। नौकरी-पेशा को लेकर अधिकतर घर से बाहर रहने वाले अभिभावकों के बच्चे इनके साफ्ट टारगेट हैं। इसके साथ ही घर से दूर अकेले रहकर पढ़ाई करने वाले तथा पैसे वालों के बच्चे भी टारगेट पर हैं।

दोस्ती के नाम पर पहला कस के बाद धीरे-धीरे नशे की गर्त में धकेला जाता है। झाझा पुलिस द्वारा शुक्रवार को ब्राउन शुगर के साथ एक युवक को गिरफ्तार किया गया। जिले में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है। गिरफ्तार युवक के पर्दाफाश ने पुलिस के नीचे से जमीन खिसका दी है। अब पुलिस नशे के नेटवर्क को तोड़ने में जुट गई है।

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गिरोह में आधा दर्जन लोग शामिल
पुलिस की प्रारंभिक जांच में नशे के इस कारोबार में झाझा के आधा दर्जन लोगों के शामिल होने की बात सामने आई है। लिहाजा नशे की जड़े कितनी गहरी और कितने युवा इस जानलेवा नशे की गिरफ्त आ चुके हैं का आंकड़ा जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। बताया गया कि इसके धंधे व सेवन में कई संभ्रांत परिवार के युवा भी शामिल हैं। झाझा थानाध्यक्ष श्रीकांत कुमार ने बताया कि छह महीने के मेहनत के बाद ब्राउन शुगर के साथ युवक को गिरफ्तार किया जा सका है। उन्होंने बताया कि सूचना के बाद गुपचुप तरीके से पुलिस महीनों से इस पर काम कर रही थी। अब इससे सहज अंदाज लगाया जा सकता है कि नशे का यह कारोबार कितने महीने या सालों से यहां फलफूल रहा होगा।
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पांच सौ में मिलता है एक पुड़िया
गिरफ्तार आरोपित मुकेश कुमार ने बताया कि एक पुड़िया की कीमत पांच सौ रुपए है। एक पुड़िया में तीन खुराक है। अमूमन सिगरेट में भरकर ब्राउन शुगर पीया जाता है। पुलिस के अनुसार गिरफ्तार युवक के पास से 20 पुड़िया में पांच ग्राम ड्रग्स बरामद किया गया।
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नशे का आदी ही बन जाते हैं डिलीवरी ब्वाय
जानकारी के अनुसार शुरू में किशोर और युवा शौकिया इस नशे का सेवन करते हैं। धीरे-धीरे वो इसके आदी हो जाते हैं। जब घर से पैसा मिलने में परेशानी होने लगती है तो कई इस कारोबार से ही जुट जाते हैं और डिलीवरी ब्वाय बन जाते हैं। कई इसके अलावा दूसरे रास्ते भी अख्तियार कर लेते हैं।
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सोनो व जमुई में भी सप्लाई की आशंका
रेल हेड होने के कारण झाझा नगरी ब्राउन शुगर का सेंटर बनता जा रहा है। झाझा नगर में रेलवे क्वार्टर में इसका काफी प्रभाव बताया जाता है। बताया जाता है कि कई रेलवे क्वार्टर खाली व सुनसान रहता है। ऐसे क्वार्टर इन लोगों के लिए उपयुक्त स्थल है। सूत्र बताते हैं कि रेल क्वार्टर में रहने वाले बहुत युवा नशे की गिरफ्त में आ चुके हैं। रेल डयूटी के कारण पिता अक्सर घर से बाहर रहते हैं। मां घर के अंदर रहती है। ऐसे में किशोर उम्र बहकावे का शिकार हो रहा है। इसके अलावा सोनो से भी युवा झाझा पहुंचते हैं। जमुई शहर के युवा भी झाझा के मुरीद हो रहे हैं यानि इसका दायरा फैल रहा है। पुलिस भी अंदर ही अंदर इस बात को मानती है कि इसके तार कई प्रखंड व गांव से जुड़ा हो सकता है पर अभी स्पष्ट रूप से बताने से बच रही है।
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कोट
आरोपित से मिले इनपुट के आधार पर छापेमारी की जा रही है। जल्द ही कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। चौक-चौराहे पर पुलिस की नजर है। हर संदिग्ध गतिविधि पर जांच की जा रही है। पुलिस हर बिदू पर काम कर रही है।
सतीश चंद मिश्रा, एसडीपीओ, झाझा
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