जिले में 15 माह से नहीं बन रही दिव्यांग सर्टिफिकेट

लखीसराय। जिले में हड्डी एवं आंख के डॉक्टर नहीं रहने से दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनाने को लेकर विगत 15 माह से जांच शिविर का आयोजन नहीं हो रहा है। इससे करीब दो सौ दिव्यांगों को दिव्यांगता प्रमाणपत्र बनने का इंतजार है। दिव्यांगता प्रमाणपत्र नहीं रहने के कारण करीब दो सौ दिव्यांगजन सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित रह रहे हैं। विभागीय अधिकारी भी लाचार बने हुए हैं।

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मार्च 2020 के बाद नहीं लगा है दिव्यांगता जांच शिविर
समाहरणालय के समीप गांधी मैदान में माह मार्च 2020 में जिले के दिव्यांगजनों का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाने को लेकर जिलास्तरीय जांच शिविर का आयोजन किया गया था। इसमें जिले के विभिन्न जगहों से सैकड़ों की संख्या में दिव्यांगजन उपस्थित हुए थे। कुछ दिव्यांगजनों की मेडिकल जांच के बाद दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया गया। जबकि अधिकांश दिव्यांगजनों को पीएचसी स्तर पर आयोजित होने वाले दिव्यांगता जांच शिविर में जाकर जांच कराने को कहा गया परंतु उसके बाद से जिले के किसी भी पीएचसी में दिव्यांगता जांच शिविर का आयोजन नहीं किया गया है।

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जिले में नहीं हैं हड्डी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक
जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में विगत छह माह पूर्व हड्डी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। जिले के एकमात्र बड़हिया पीएचसी में पदस्थापित हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. सुभाष पासवान के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की गई। इसके बाद उनकी मौत हो गई। उनकी मृत्यु के बाद से जिले में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है। जबकि एकमात्र सदर अस्पताल में पदस्थापित नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. डीपी यादव विगत छह माह पूर्व ही सेवानिवृत हो गए। इसके बाद से जिले में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं है। जांच में इन दोनों विशेषज्ञ चिकित्सकों का रहना जरूरी है।
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हड्डी एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ चिकित्सक की विभाग से मांग की गई है। इनके बिना दिव्यांगता जांच शिविर नहीं लगाया जा सकता है। विभाग ने कुछ दिन पूर्व सदर अस्पताल में एक हड्डी रोग विशेषज्ञ की पोस्टिग की परंतु बाहर ही बाहर उक्त डॉक्टर को पीएमसीएच, पटना में पदस्थापित कर दिया गया।
डॉ. डीके चौधरी, सिविल सर्जन, लखीसराय।
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