डा. राज आर्यन को किया गया चिकित्सा प्रभारी से मुक्त

पूर्णिया। डा. राज आर्यन को चिकित्सा प्रभारी पद से मुक्त कर दिया गया है, वे अब पूर्व की तरह टीकापट्टी एपीएचसी ही देखेंगे । नये चिकित्सा प्रभारी के रूप में यहां कार्यरत चिकित्सक डा. मदनमोहन दास होंगे । इस बात की जानकारी क्षेत्रीय अपर निदेशक, स्वास्थ्य सेवाएं, पूर्णिया प्रमंडल के पत्रांक से 126/28.6.2021 के तहत दी गयी है । यह बता दें कि डा. राज आर्यन इसी वर्ष फरवरी माह में प्रभारी बनाए गए थे । जबकि वे पिछले साल टीकापट्टी एपीएचसी में चिकित्सा प्रभारी के रूप में योगदान दिया था । अब वे फिर उसी अस्पताल में वापस कर दिये गए हैं । यह बता दें कि डा. राज आर्यन की नियुक्ति जब टीकापट्टी एपीएचसी में हुई, ऐसा लगा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में यहां के लोगों को संजीवनी मिल गयी है । उनके व्यवहार व कर्तव्य परायणता को को देखते हुए यहां के लोगों में खुशी का ठिकाना नहीं था । कल तक विरान पडे़ एपीएचसी में अचानक रोगियों की बाढ़ आ गयी तथा डा. राज आर्यन की सराहना करते नहीं थक रहे थे । फिर उन्हें रेफरल अस्पताल का चिकित्सा प्रभारी बनाया गया। वहां भी इनके द्वारा अमिट छाप छोड़ा गया । वहां बार-बार हो-हंगामा को लेकर एक शिकायत-पेटी बनवाया गया, ताकि लोग अपनी शिकायत को सीधा प्रभारी तक पहुंचा सकें । सालों-साल तक जन्म प्रमाण-पत्र नहीं मिलने की व्यवस्था में सुधार लाया गया तथा उन्हें बेड पर ही जन्म प्रमाण-पत्र देने की व्यवस्था की गयी । इसके अलावा रेफरल अस्पताल भवन की जर्जरता देखते हुए अपने कार्यालय से लगे भवन को ही एक सु²ढ पसव-कक्ष बनाने का फैसला लिया तथा उसका निर्माण ही हो रहा था कि वे प्रभार से मुक्त हो गए । इसके अलावा कोरोना जैसी महामारी में जिसप्रकार डटकर मुकाबला किया तथा लोगों को प्रोत्साहित किया, वह काबिलेतारिफ रहा, जिसे लोग हमेशा याद रखेंगे । इस सबके बावजूद वे यहां के तथाकथित लोगों के आंखों के किरकिरी भी बने रहे, जिसमें मुख्य कारण था कि जन्म प्रमाण-पत्र का बेड पर जारी करने की व्यवस्था थी । इससे बहुत लोगों को फायदा था, जिसपर उनके द्वारा रोक लगा दी गयी थी । कुल मिलाकर अब नये चिकित्सा प्रभारी डा. मदन मोहन दास से लोगों की अपेक्षा है कि वे साकारात्मक सोच के साथ लोगों की जरूरतों पर खरा उतरेंगे ।


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