कोरोना ने बदली सरकारी अधिकारियों की सोच, एक दशक से धीमे पड़े E-office प्रोजेक्ट में आई तेजी

नई दिल्ली. कोरोना वायरस संक्रमण के चलते कई महीनों का लॉकडाउन लगाना पड़ा. इसके परिणाम स्वरूप केंद्र सरकार के कर्मियों को घर से काम करना पड़ा. अधिकारियों और कर्मियों का घर से काम करना, केंद्र के लिए उम्मीद की किरण बन कर आया है. करीब एक दशक पुराने ई-ऑफिस प्रोजेक्ट को एकाएक बढ़ावा मिला. इसके साथ ही सरकारी अधिकारी इस न्यू नॉर्मल के प्रति संवेदनशील भी हो गए हैं. बीते एक साल में सरकारी अधिकारियों ने घर से काम किया और दफ्तर रोटेशन पर आए. प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (DARPG) के अतिरिक्त सचिव वी. श्रीनिवास ने हाल ही में एसोचैम के सामने एक प्रेजेंटेशन में बताया कि 'सरकारी विभागों को लॉकडाउन के दौरान दफ्तर जाना पड़ता था. अधिकारी वीडियो-लिंक और टेलीफोन पर मीटिंग्स कर सकते थे लेकिन फाइलों पर दस्तखत करने के लिए उन्हें या तो ऑफिस आना पड़ता था या फिर फाइलों को दफ्तर से घर ले जाना होत था.अधिकारियों का कहना है कि कोविड ने ई-ऑफिस परियोजना के महत्व अब लोग समझ रहे हैं. News18 को मिली जानकारी के अनुसार 82 सरकारी मंत्रालय और विभाग अब ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर हैं, जिनमें से 67 मंत्रालयों ने ई-ऑफिस पर 80 प्रतिशत से अधिक काम हासिल किया और लगभग 22 लाख सरकारी फाइलें अब सरकार के इंटरनल ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर ई-फाइल के रूप में उपलब्ध हैं. कोविड और लॉकडाउन लगने से पहले फरवरी, 2020 में ई-ऑफिस पर लगभग 14 लाख फाइलें ई ऑफिस पर थीं.अधिकारियों ने कहा 'साल 2019 तक केवल लगभग 12 लाख सरकारी फाइलें ही ई-ऑफिस पर थीं. लेकिन अब लगभग 1000 सरकारी फाइलें ई-ऑफिस प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में रोजाना डिजिटल की जा रही हैं' एक अधिकारी ने कहा 'एक दशक पहले शुरू होने के बाद भी परियोजना धीमी रही है क्योंकि सरकारी अधिकारी आमतौर पर बदलाव नहीं चाहते हैं लेकिन महामारी ने उन्हें बड़े पैमाने पर इस ओर शिफ्ट किया.'इस प्रोजेक्ट के तहत 'केंद्रीय सचिवालय में डिजिटल डिसिजन लेने' की परिकल्पना की गई है जिसमें उप सचिव स्तर तक के सभी अधिकारियों के लिए ई-फाइलें मौजूद हैं और लिखित के बजाय ऑनलाइन नोटिंग और अप्रूवल्स किए जा सकते हैं.श्रीनिवास ने प्रजेंटेशन में सरकार के लिए 'न्यू नॉर्मल' का एक विजन भी रखा, जिसमें वर्चुअल ऑफिस, वेब मीटिंग के लिए नए प्रोटोकॉल, वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क, होम वर्किंग पॉलिसी और होम वाई-फाई में नेटवर्क सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल है. राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र ने अब सरकारी कर्मचारियों के लिए जूम या स्काइप जैसे निजी प्लेटफॉर्म पर निर्भर रहने के बजाय 'विद्यो ऐप' के माध्यम से सुरक्षित वेब-रूम बनाए हैं.श्रीनिवास ने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 'डिजिटल केंद्रीय सचिवालय' का भी आईडिया है जिसमें सभी मंत्रालयों और विभागों के साथ-साथ काम करने वाले कार्यालय, अधीनस्थ कार्यालय और स्वायत्त निकाय शामिल होंगे. उन्होंने 'शासन प्रणाली को फिर से परिभाषित करने और कोरोना वायरस के साथ जीने' के लिए मॉडल को 'e-Office Gov4.0' बताया.

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