भारत में अलग से नहीं किया जाएगा स्पूतनिक लाइट का ट्रायल, एक्सपर्ट कमेटी ने मांगे रूसी डेटा

हैदराबाद. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) की एक्सपर्ट कमेटी (SEC) के बृहस्पतिवार को लिए एक फैसले से देश में वैक्सीनेशन को रफ्तार देने में मदद मिल सकती है. दरअसल एक्सपर्ट कमेटी ने फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डीज से कहा है कि स्पूतनिक लाइट (Sputnik Light) का भारत में अलग से तीसरे फेज का ट्रायल करने की जरूरत नहीं है. इस वैक्सीन के रूस में किए गए ट्रायल डेटा को ही पेश किया जा सकता है. ये डेटा ही वैक्सीन को मार्केट ऑथोराइजेशन देने के लिए पर्याप्त होगा. बता दें स्पूतनिक लाइट सिंगल डोज वैक्सीन है.सिंगल शॉट वाली इस वैक्सीन का एफिकेसी डेटा करीब 79.4 फीसदी पाया गया है. वहीं दो डोज वाली वैक्सीन का एफिकेसी रेड 97 फीसदी आया था. ये डेटा वैक्सीन डेवलपर्स ने ही दिए हैं. डॉ. रेड्डीज ने भारत में स्पूतनिक-V का भारत में फेज 3 ट्रायल किया है. इसमें करीब 1600 लोगों को शामिल किया गया था. स्पूतनिक-V को अप्रल मध्य में भारत में इमरजेंसी यूज की अनुमति दे दी गई थी.आरडीआईएफ ने इसे दो खुराक वाली स्पुतनिक V से बेहतर करार दिया था रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) की भारत में पार्टनर डॉ. रेड्डीज ने स्पूतनिक लाइट को मार्केट ऑथोराइजेशन देने का निवेदन किया है. सिंगल डोज वाली रूस की स्पुतनिक लाइट कोविड वैक्सीन बुजुर्गों में करीब 83 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है. ये आंकड़े अर्जेंटीना से इकट्ठा किए गए हैं. ब्यूनस आयर्स प्रांत के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों के मुताबिक स्पुतनिक लाइट बुजुर्गों में 78.6-83.7 फीसदी तक प्रभावी पाई गई है. RDIF ने इस बारे में जानकारी दी थी. आरडीआईएफ ने इसे दो खुराक वाली स्पुतनिक V से बेहतर करार दिया था.मॉडर्ना को भी हाल में मिली मंजूरी बता दें कि इसी हफ्ते अमेरिकी फार्मा कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन को भी भारत में बिना ट्रायल मंजूरी दे दी गई है. इस वैक्सीन को 'न्यू ड्रग परिमिशन' के तहत मान्यता मिली है. और ये मान्यता सीमित उपयोग के लिए दी गई है. अब देश में चार वैक्सीन को अनुमति मिल चुकी है. कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पूतनिक-V के जरिए वैक्सीनेशन जारी है. वहीं एक अन्य अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइज़र की वैक्सीन को लेकर भी बातचीत चल रही है.

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