70 के दशक में हट्टा कट्टा होना अपराध था, बोले शरत सक्सेना- एक्शन सीन कर 12 बार गया अस्पताल

विद्या बालन स्टारर फिल्म शेरनी में पिंटू भैया का किरदार करने वाले शरत सक्सेना (Sharat Saxena) इन दिनों बॉलीवुड और अपने करियर को लेकर कई खुलासे किए हैं। शरत सक्सेना ने कहा है कि इंडस्ट्री में बूढ़ा दिखना एक गुनाह है। जैसे ही आप बूढ़े दिखते हैं आपको इंडस्ट्री से बाहर फेंक दिया जाता है।

शरत सक्सेना ने कहा कि एक एक्टर का काम सबसे कठिन काम है। यहां आपको सालों-साल सख्त और जवान दिखना होता है। जो सामान्य बात नहीं है। 71 साल की उम्र में 40 साल फिल्म इंडस्ट्री को दे चुके शरत ने आगे कहा कि 40 साल के करियर में 600 फिल्में की और 12 बार अस्पताल गया।
क्वालिफाइड इंजीनियर हैं शरत सक्सेना
कम लोगों को पता होगा कि शरत सक्सेना एक क्वालिफाइड इंजीनियर हैं। उनके मुताबिक वह भी बॉलीवुड में हीरो बनने का सपना लेकर मुंबई आए थे लेकिन विलेन बना दिया गया। बकौल शरत सक्सेना- ज्यादातर लोगों की तरह 1970 में मैं भी मुंबई में हीरो बनने का सपना लेकर आया था, पर मुझे निगेटिव किरदार निभाने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि यहां कोई भी ऐसा सोचकर नहीं आता कि उसकी हर दिन पिटाई हो।
बॉलीवुड में हीरो का सेट पैटर्न है
शरत ने कहा कि बॉलीवुड में हीरो का एक सेट पैटर्न है। उसका रंग साफ होना चाहिए, बाल सीधे होने चाहिए और अगर उसकी आंखें नीली हों तो ये उसके लिए बोनस है। मेरे पास ये क्वालिटी नहीं थी। मैं हट्टा-कट्टा था और उस दौर में हट्टा-कट्टा होने का मतलब अपराध था। ऐसा समझा जाता था कि आप बेदिमाग, अनपढ़ और भावनाओं से पूरी तरह से दूर हैं। हालांकि, मनचाहा काम न मिलने पर भी मैं निराश नहीं हुआ और इसीलिए मैं आज तक चल रहा हूं।

मैं हर दिन वर्कआउट करता हूं
अपने बारे में बात करते हुए शरत ने आगे कहा कि मैं वही काम करता हूं। मैं हर दिन वर्कआउट कर रहा हूं। हां, लेकिन मैं पार्टी नहीं करता। 71 साल के हो चुके शरत ने ये भी कहा कि इस उम्र में भी उन्हें 45 के दिखने के लिए रोज कुछ करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि बिना किसी दिन नागा किए वह रोज वर्कआउट करते हैं। शरत के मुताबिक अगर आप जैसे ही बूढ़े दिखने लगते हैं, आपको फिल्म इंडस्ट्री से बाहर कर दिया जाता है। यह युवाओं का उद्योग है। सभी को युवा होना है। आप बूढ़े हैं या नहीं, कोई फर्क नहीं पड़ता। शरत ने कहा कि यहां बूढ़ा होना गुनाह है।

अन्य समाचार