फिल्मों में अब 'ग्रे' चरित्र,और यथार्थवाद को लोग पसंद करने लगे हैं: मैसी

(इंट्रो में मामूली फेरबदल के साथ रिपीट)

नयी दिल्ली, दो जुलाई अभिनेता विक्रांत मैसी का मानना है कि हर व्यक्ति का एक 'ग्रे' (अपरिभाषित) चरित्र होता है और आज का सिनेमा उसी का प्रतिबिम्ब है इसलिए फिल्मकार अपनी कहानियों में यथार्थवाद का चित्रण करना चाहते हैं। इसके साथ ही मैसी को विश्वास है कि दर्शक उनकी आगामी फिल्म 'हसीन दिलरुबा' को पसंद करेंगे जो कि एक छोटे से शहर में गढ़ी गयी रोमांटिक थ्रिलर है।
फिल्म, शुक्रवार को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई और इसमें मैसी रिशु नामक एक अंतर्मुखी इंजीनयर की भूमिका में हैं जो एक उग्र स्वभाव की महिला के प्रेम में पड़ जाता है लेकिन किसी और व्यक्ति का प्रवेश होने से उनकी शादी संकट में पड़ जाती है।
'हंसी तो फंसी' बनाने वाले निर्देशक विनिल मैथ्यू द्वारा निर्देशित इस फिल्म में तापसी पन्नू और हर्षवर्धन राणे भी मुख्य भूमिका में हैं। मैसी ने कहा कि फिल्म के तीनों किरदार मजबूत विचारों वाले हैं। अभिनेता ने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, 'हमारे कई चेहरे होते हैं और हम प्रतिदिन कई स्तरों पर काम करते हैं। हम समाज में मुखौटा लगाकर रहते हैं और यही इन किरदारों में भी दिखता है। हम यह सिनेमा में प्रतिबिम्बित होते हुए देखते हैं क्योंकि लोगों ने अब सच्चाई को थोड़ा और स्वीकार करना शुरू कर दिया है। इसलिए कहानियों में भी यथार्थवाद ज्यादा दिखाया जाने लगा है।'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है सभी को गलतियां करने वाले किरदार पसंद हैं। यह नई चीज है जो आप फिल्मों में देख रहे हैं, ग्रे चरित्र वाले लोग, जिन्हें वास्तव में लोग पसंद करते हैं।' 'लुटेरा', 'ए डेथ इन द गंज' और 'छपाक' में अपने अभिनय के लिए सराहना बटोर चुके अभिनेता ने कहा कि उन्हें पटकथा पसंद आई क्योंकि उन्हें आमतौर पर रिशु जैसे किरदार निभाने को नहीं मिलते।
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