अनारकली ऑफ आरा के निर्देशक अविनाश दास ने कहा- सिनेमा बनाना अब हर हाथ की विधा

अभय नेमा, भोपाल। यदि आप कविता लिखते हैं तो कागज-कलम उठाते हैं और कविता लिख देते हैं। इसी तरह से आप कहानी भी खुद ही लिख सकते हैं लेकिन फिल्म निर्माण एक सामूहिक प्रयास है। इसमें कई तरह के संसाधनों और लोगों की जरूरत होती है। इधर नई तकनीक ने सिनेमा निर्माण बहुत आसान कर दिया है। सिनेमा बनाना अब हर हाथ की विधा है।

'अनारकली ऑफ आरा" जैसी मशहूर फिल्म के निर्देशक अविनाश दास ने भोपाल में एक अनौपचारिक बातचीत में यह बात कही। वे यहां पर एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में आए हैं।
भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) और संस्था संविधान लाइव की ओर से आयोजित कार्यक्रम में फिल्म निर्माण में दिलचस्पी रखने वालों, लेखकों और जनहित के मुद्दों पर काम करने वालों के साथ उन्होंने 'जनपक्ष और नए कलामाध्यम" विषय पर बातचीत की। उन्होंने कहा कि मोबाइल ने फिल्म निर्माण को बहुत आसान कर दिया है। आपकी बनाई गई फिल्म की पहुंच अब बहुत व्यापक हो गई है। अब आपको फिल्म बनाने के लिए मुंबई जाने की जरूरत नहीं है। आप भोपाल में रहकर भी अपने मोबाइल से फिल्म बना सकते हैं। उन्होंने मशहूर फिल्म निर्देशक शुजीत सिरकार का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने मुंबई के बजाए कोलकाता में ही अपने घर पर रहना मुनासिब समझा। फिल्म निर्माण के सिलसिले में वे मुंबई आकर वापस लौट जाते हैं। उन्होंने बताया कि विजुअल मीडियम के लिए आने वाला वक्त सुनहरा है। अब फिल्मकारों को टेक्नालाजी बहुत सपोर्ट कर रही है। फिल्म शूट करना, एडिटिंग करना उसमें म्यूजिक देना आदि सभी आप मोबाइल के जरिए आसानी से कर सकते हैं। उन्होंने भोपाल की फिल्म निर्माण से जुड़ी संस्था एकतारा कलेक्टिव का जिक्र करते हुए बताया कि कुछ युवाओं ने मिलजुलकर संसाधन जुटाए और भोपाल में एक बहुत शानदार फिल्म 'तुरुप"बना डाली। यह फिल्म देश के सामाजिक और राजनीतिक यथार्थ को इंगित करती है। संयुक्त प्रयासों से बनाई गई ऐसी फिल्म बॉलीवुड में भी नहीं बन सकती क्योंकि बॉलीवुड में फिल्मों की व्याकरण को बाजार भी प्रभावित करता है। इसलिए बॉलीवुड में 'जिस तरह तू बोलता है उस तरह तू लिख" शैली में फिल्म बनाने के लिए आपको अपनी बैचेनी को अभिव्यक्त करने के साथ साथ बाजार का ध्यान भी रखना पड़ता है लेकिन छोटे शहरों में आप अधिक आजादी से फिल्म बनाकर अपनी फिल्म का मुहावरा स्थापित कर सकते हैं। सोशल मीडिया से आपकी फिल्म दुनिया में हर जगह पहुंच सकती है। अनौपचारिक बातचीत में सचिन श्रीवास्तव, सत्यम पांडे, अबदुल्ला, राजूकुमार नीरा, आदि शामिल रहे।

अन्य समाचार