पढ़ना लिखना अभियान से जिले से मिटेगा निरक्षरता का कलंक

16 हजार असाक्षर महिला व पुरुषों को बनाया जाएगा साक्षर - वर्ष 2025 तक जिले को साक्षर करने का है लक्ष्य जागरण संवाददाता, अररिया : देश के सबसे पिछड़े जिले की सूची में शामिल अररिया जिले में निरक्षरता रूपी कलंक ने पढ़ना लिखना अभियान अहम किरदार निभाएगा। असाक्षर महिला व पुरुष अंगूठा छाप कहलाने में नहीं शर्माएंगे। शान से वे अपने को पढा-लिखा कह सकेंगे। वर्ष 2025 तक 16 हजार 153 महिला व पुरुषों को साक्षर बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। साक्षरता कार्यक्रम के तहत अभियान का प्रथम चरण का कार्य शुरू हो गया है। स्वयं सेवकों के माध्यम निर्धारित केंद्रों पर असाक्षर लोगों को साक्षर बनाया जाएगा। इस कार्य में स्कूल कालेज के पढ़े लिखे युवा व समाजसेवियों की मदद ली जाएगी। इस महत्वाकांक्षी अभियान को सफल बनाने के लिए कई विभागों को शामिल किया गया है। - 1616 स्वयं सेवकों का होगा चयन: जिले में असाक्षर महिला व पुरुषों को साक्षर बनाने के लिए 1616 केंद्र बनाएं जाएंगे। इसमें इतने ही संख्या में स्वयंसेवकों को


बहाल किया जाएगा। स्वयंसेवक चिन्हित केंद्रों पर असाक्षर वयस्क लोगों को पढ़ाएंगे। मानीटरिग विभागीय अधिकारी द्वारा किया जाएगा। साथ ही इसके निगरानी के लिए विभागीय पोर्टल बनाया गया है। जिसमें केंद्रों की पल पल की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। केंद्रों और स्वयंसेवकों की चयन प्रक्रिया शुरू हो गई है। डीईओ राज कुमार ने विभागीय अधिकारियों को चयन प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया है। केंद्र व स्वयंसेकों के चयन होते ही पठन पाठन का दूसरा चरण का कार्य शुरू होगा। केंद्रों पर उपलब्ध कराई जाएगी सामग्री : चयनित सभी केंद्रों पर प्रतिभागियों को पढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर किताबें, टीएलएम सहित पढ़ाई से संबंधित सामग्रियां उपलब्ध कराई जाएगी। स्वयंसेक के रूप में पढ़े लिखे युवा समाजसेवियों आदि को चयन किया जाना है। फिलहाल इन्हें किसी तरह के मानदेय देने का प्रावधान नहीं है। - पांच वर्षीय कार्यक्रम : डीपीओ साक्षरता अनंत कुमार ने बताया कि यह पांच वर्षीय कार्यक्रम है। इसमें जिले में चिन्हित किए गए असाक्षर महिला व पुरुष को साक्षर बनाने के लिए अभियान चलेगा। महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक होगी। वर्ष 2025 तक 16 हजार 153 महिला व पुरुष को साक्षर बनाने का लक्ष्य है। जिसे हरहाल में पुरा कराने की कोशिश होगी। देश भर के अकांक्षी जिलों में यह अभियान चलेगा जा रहा है। यह एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है। 64 फीसदी है साक्षरता दर : वर्तमान समय में अनुमानित कुल जनसंख्या 34 लाख 47 हजार 601 है। पुरुषों की जनसंख्या 18 लाख छह जार 338 और महिलाओं की जनसंख्या 16 लाख 64 हजार 263 है। जिले की कुल साक्षर दर करीब 64 फीसदी है। वहीं 2011 के जनगणना के अनुसार जिले की कुल आबादी 28 लाख 11 हजार 569 है। इसमें पुरुषों की जनसंख्या 14 लाख 63 हजार 333 व महिला की जनसंख्या 13 लाख 48 हजार 236 है। कुल साक्षरों की संख्या 11 लाख 95 हजार 768 है। पुरुष सात लाख 27 हजार 643 और महिलाएं चार लाख 68 हजार 125 साक्षर हैं। कुल साक्षरता दर 53.53 फीसद है। जबकि साक्षर पुरुष 62.30 व साक्षर महिलाएं 43.93 प्रतिशत है। कोट - पढ़ना लिखना अभियान को सफल बनाने की प्रकिया शुरू है। बहुत जल्द स्वयंसेवकों व केंद्रों का चयन कर लिया जाएगा। हर हाल में निर्धारित लक्ष्य को पूरा किया जाएगा। संबंधित आधिकारी व कर्मियों को दिश निर्देश दिए गए हैं। अनंत कुमार, डीपीओ साक्षरता अररिया।
शॉर्ट मे जानें सभी बड़ी खबरें और पायें ई-पेपर,ऑडियो न्यूज़,और अन्य सर्विस, डाउनलोड जागरण ऐप

अन्य समाचार