मदरसा कमेटी के खिलाफ डीएम व डीइओ को आवेदन देकर की जांच की मांग

-मामला मदरसा अनवारूल उलूम बौरिया धोबनिया का

संसू, जोकीहाट, (अररिया): प्रखंड के मदरसा नंबर 46/52 अनवारूल उलूम बौरिया धोबनिया पंचायत सिमरिया में गुपचुप तरीके से पांच शिक्षकों की बहाली का मामला धीरे धीरे तूल पकड़ता जा रहा है। फर्जी इंटरव्यू के खिलाफ अभ्यर्थियों और ग्रामीणों ने डीएम प्रशांत कुमार, डीईओ राजकुमार व विधायक शाहनवाज आलम को सैकड़ों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। आवेदकों में अहमदुल्ला, मुश्ताक, दानिश, आफाक, मंसूर, अनमूल, साजिद आदि शामिल हैं। आवेदन के अनुसार पिछले तीन वर्षों से उक्त मदरसा में नई पुरानी कमेटी को लेकर विवाद चल रहा है। पुरानी कमेटी के खिलाफ कुछ लोग दबंगई पूर्वक एक समानांतर नई कमेटी गठित कर मदरसा पर कब्जा करना चाह रहे हैं। मदरसा बौरिया में सिर्फ एक ही शिक्षक फाजिल पद पर बहाल थे जो मदरसा के प्रभारी थे। लेकिन साजिश रचकर उस शिक्षक को भी निलंबित करवा दिया गया जिससे मदरसा पूर्णत: बंद हो गया और बच्चों का भविष्य चौपट हो गया। इन विवादों के बीच मदरसा की नई कमेटी ने पटना के एक अखबार में विज्ञापन निकाला जिसमें 27 जून 21 को पांच पद के लिए बहाली को लेकर इंटरव्यू मदरसा परिसर में आयोजित होने की सूचना दी। सूचना के अनुसार आसपास के अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा करने मदरसा पहुंचे लेकिन किसी ने उनलोगों से कोई आवेदन नहीं लिया। विज्ञापन के अनुसार उक्त तारीख को मदरसा परिसर में आवेदक पहुंचे लेकिन इंटरव्यू नही हुआ क्योंकि पहले से गेम फिक्स था। प्रखंड के दर्जनों शिक्षित बेरोजगार युवक नौकरी का सपना साकार करने के ख्याल से इंटरव्यू स्थल पर पहुंचे थे । लेकिन मदरसा में इंटरव्यू नही हुआ और न ही कोई एक्सपर्ट आए थे। युवाओं ने अध्यक्ष और सचिव से मोबाइल पर बात किए तो सचिव और अध्यक्ष ने साक्षात्कार रद्द होने की बात कही। लेकिन 29 जून को एक दैनिक अखबार में समाचार प्रकाशित हुआ कि प्रावि धोबनिया में निर्धारित तिथि को बौरिया मदरसा के पांच शिक्षकों की बहाली के लिए इंटरव्यू में शामिल हुए अभ्यर्थी। आवेदकों ने समाचार पढ़कर जब ठगा सा महसूस किया तो प्रावि धोबनिया के प्रधानाध्यापक को पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में कोई इंटरव्यू नहीं हुआ है। आवेदकों ने आवेदन में लिखा है कि यह सरासर फर्जीवाड़ा है। इस इंटरव्यू को रद्द नही किया गया तो लोगों का विश्वास प्रशासन से उठ जाएगा। गौरतलब है कि लोगों ने मदरसा परिसर में जमकर हंगामा किया था। आवेदकों का आरोप था कि जिस तरह नई कमेटी फर्जी इंटरव्यू दिखाकर अपने अपने रिश्तेदारों और चहेतों को शिक्षक बनाना चाहते हैं यह बेरोजगार युवाओं के साथ घोर नाइंसाफी है। इस नाइंसाफी के खिलाफ रोजगार के लिए भटक रहे युवाओं को न्याय मिलना चाहिए अन्यथा आंदोलन को मजबूर होंगे। आवेदन की प्रतिलिपि डीईओ राजकुमार व विधायक शाहनवाज आलम को भी देकर न्याय की गुहार लगाई है। डीईओ ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन अभ्यर्थियों को दिया है।
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