Sunday Special: कभी रिहर्सल नहीं करते थे हरफनमौला महमूद, बिग बी को कहते थे खतरनाक शैतान

महमूद अली (Mehmood Ali) हिंदी सिनेमा की दिग्गज शख्सियत थे। महमूद साहब ने दर्शकों का सभी तरीको से मनोरंजन किया। चाहें नाचना हो, गाना हो या फिर एक्टिंग करनी हो महमूद हर तरह परफेक्ट थे। महमूद को देखकर बड़े-बड़े स्टार जला करते थे। उस जमाने में महमूद एक ऐसे बिरले एक्टर थे जो नाच लें, गा लें और जब अभिनय करें तो ऐसा कि मृत किरदार में भी जान फूंक दे। एक्टर ने चार दशक के फिल्मी करियर में तकरीबन 300 फिल्मों में काम किया था। महमूद साहब की ख़ासियत थी कि जहां वह दर्शकों को हंसा- हंसाकर लोटपोट कर देते थे। वहीं वह अपनी इमोशनल एक्टिंग के साथ फैंस को रुला भी देते थे। लोग सिनेमाघरों में बस महमूद को ही देखने जाया करते थे। यहां तक की डायरेक्टर को भी ये बात पता होती थी कि अगर फिल्म हिट करनी है तो महमूद को पिक्चर में लेना ही होगा।

महमूद के बारें में कहा जाता है उन्होंने कभी रिहर्सल नहीं की वह जो भी करते थे फिल्मों में लाइव करते थे। महमूद का बैकग्राउंड भी फिल्मी था। उनके माता-पिता 40-50 के दशक के दिग्गज कलाकार थे। महमूद 8 भाई-बहन थे। पिता को शराब की बुरी लत ऐसी लगी की उनके परिवार की हालत खस्ता हो गयी और इसी दौरान महमूद ने फिल्मों में काम करना शुरु किया। महमूद ने बाल कलाकार के तौर पर फिल्मों में काम किया लेकिन परिवार काफी बड़ा था सो इतने में घर का खर्च चलाना मुश्किल था। ऐसे में महमूद ने अंडे बेचने के साथ-साथ पी.एल. संतोषी की कार भी चलाई। महमूद ने मशहूर एक्ट्रेस मीनाकुमारी को बैडमिंटन भी सिखाया था। इस दौरान महमूद को मीना कुमारी की छोटी बहन मधु से इश्क़ हो गया और दोनो ने शादी कर ली। शादी के बाद महमूद पूरी ताकत लगा कर फिल्मों में रोल पाने के लिए संघर्ष करने लगे।
महमूद को पहला रोल फिल्म किस्मत में मिला इसके बाद उन्हें छोटे मोटे कई रोल मिले। इसी वक्त भारतीय सिंगर लीजेंड किशोर कुमार (Kishore Kumar) भी कई फिल्मों में काम कर रहे थे। दोनो ही कलाकार बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। एक बार दोनो की मुलाकात एक स्टूडियों मे हुई। तब महमूद ने किशोर कुमार से कहा, 'यार मुझे अपनी फिल्म में काम दिलवा दे।' इस पर किशोर ने कहा, 'मै उस शख्स को कैसे मौका दे सकता हूं जो मेरे मुकाबले में है।' इस पर महमूद जोर से हंसे और बोले, 'एक दिन मैं बड़ा फिल्मकार बनूंगा और देखना तब मैं तुम्हें अपनी फिल्म में रखूंगा।' और फिर जैसा महमूद ने कहा था वैसा हुआ भी। ज़बान के पक्कें महमूद ने अपनी फिल्म पड़ोसन में किशोर कुमार को अहम किरदार दिया।
फिल्मकार बनते ही महमूद ने कई लोगो की मदद की। उनमें से एक थे संगीतकार आर डी बरमन (R D Burman)। महमूद ने रोहित देव बरमन फिल्म छोटो नवाब में काम करने का मौका दिया। भारतीय संगीत की दुनिया में आर डी बरमन आज भी एक बहुत बड़ा नाम है। यही नहीं सदी के महानायक अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) के करियर में महमूद का अहम रोल था। जब बिग बी की कई फिल्में फ्लॉप हुई तो महमूद ने उन्हें अपनी फिल्म बॉम्बे टू गोवा में बतौर मेन लीड लिया। अमिताभ को ये रोल महमूद के भाई अनवर अली की सिफारिश पर मिला था। हम और आप ने सदी के महानायक को पर्दे पर खूब नाचते देखा है। पर क्या आप जानते है कि अमिताभ को नाचना बिल्कुल भी नहीं आता था। अगर महमूद न होते तो अमिताभ शायद ही किसी फिल्म में डांस करते।
अमिताभ को महमूद ने पहली बार नचाया था। दरअसल ये किस्सा फिल्म 'बॉम्बे टू गोवा' (Bombay to Goa) के गाने 'देखा ना हाय रे सोचा ना हाय रे' की शूटिंग का है। महमूद चाहते थे कि अमिताभ इस गाने पर डांस करे लेकिन अमिताभ को नाचना नहीं आता था। फिर अमिताभ ने महमूद से कहा 'भाईजान मुझसे ये डांस नहीं हो पाएगा, मुझे नाचना नहीं आता।' फिर भी महमूद का दिल नहीं पिघला उन्होंने कहा- 'जो चल सकता है वो नाच भी सकता है।' अमिताभ के लाख गिड़गिड़ाने के बाद भी महमूद उनसे डांस करवा कर ही मानें। अमिताभ महमूद को भाईजान और महमूद अमिताभ को खतरनाक शैतान बुलाते थे। अपने एक इंटरव्यू में बिग बी ने कहा था कि 'पता नहीं क्यों महमूद को मुझपर इतना भरोसा है। वह मुझे खतरनाक शैतान कहकर बुलाते थे, मैने उनसे कभी नहीं पूछा कि उनके दिमाग में ये नाम कहा से आया।' महमूद की शोभी खोटे (Shobha Khote) और अरुणा ईरानी (Aruna Irani) के साथ खूब बनी। करीब चार दशक तक दर्शकों का मनोरंजन के बाद 23 जुलाई 2004 को रात में सोते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया।

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