वाराणसी में सिनेमाहॉल संचालकों ने पूरी की तैयारी, शुक्रवार के बाद से ही टूटेगा दर्शकों का सन्‍नाटा

जागरण संवाददाता, वाराणसी। कोरोना संक्रमण की रफ्तार थमते ही सरकार ने गत दो जुलाई को सोमवार से सिनेमाघरों को खोलने की अनुमति दे दी है। इसके बाद से संचालकों ने तैयारियां शुरू कर दी है। हालांकि, नई फिल्म नहीं होने के कारण सोमवार से सिनेमाघर खोलना संभव नहीं है। उम्मीद है शुक्रवार को फिल्म इंडस्ट्री ' चंडीगढ़ करे आशिकी ' फिल्म को रिलीज कर सकती है। यदि ऐसा होता है तब दो महीने से थिएटर में पसरा सन्नाटा टूटेगा। सिनेमाघर संचालकों का कहना है कि जब तक नई फिल्म नहीं आएगी तब तक दर्शकों के मूड और मिजाज परवान नहीं पकड़ेगा।

बड़े पर्दे को है सरकार से मदद की दरकार : कोरोना महामारी के दौरान सिनेमाघर बंद होने से संचालकों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। संचालकों का कहना है टैक्स, बिजली और कर्मचारियों का वेतन जेब से देना पड़ रहा है। इसलिए सरकार से मदद की गुहार लगाई गई है। गत वर्ष 24 मार्च से सभी सिनेमाघरों को महामारी के कारण बंद कर दिया गया था। उसके बाद 23 अक्टूबर को संक्रमण की रफ्तार थमने पर सिनेमाघर खोलने का आदेश जारी हुआ। गाइड लाइन के मुताबिक दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाया जा रहा था। अभी दर्शकों की जुटान शुरू ही हुई कि तब तक पुनः महामारी की दूसरी लहर ने हमला बोल दिया। जिस कारण एक बार फिर मार्च से सिनेमाघर को बंद करना पड़ा। अब महामारी का कहर कम होने के बाद फिर से सिनेमाघरों को खोलने का आदेश मिला है। इन सवा वर्षों के दौरान ज्यादातर दिनों में सिनेमाघर बंद ही रहे हैं। इस कारण हमें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
बोले संचालक
सिनेमाघर खुलने के बाद भी लंबे समय तक दर्शकों का टोटा बना रहता है। लेकिन टैक्स, बिजली और कर्मचारियों के वेतन का भुगतान तो करना ही पड़ता है। ऐसे में हमें सरकार से मदद की दरकार है। -मनीष गुप्ता, प्रबंधक जेएचवी माल।
दो वर्षों में मात्र छह माह ही सिनेमाघर खुले थे। उसमें भी दर्शकों को एक सीट छोड़कर बैठाने का निर्देश था। टिकट का मूल्य बढ़ा नहीं सकते। इससे दर्शकों के टूटने की संभावनाएं और प्रबल हो जाएंगी। इसलिए सरकार से मदद के लिए गुहार लगाई जा रही है। -शीतला शरण सिंह, प्रबंधक आईपी माल।

अन्य समाचार