कोरोना के बाद दिल्‍ली में सैकड़ों होटल-गैस्‍ट हाउस पर ताला, नए काम की तलाश

नई दिल्‍ली. भारत में साल 2020 में आई कोरोना की पहली लहर के बाद 2021 में आई दूसरी लहर ने होटल इंडस्‍ट्री की कमर तोड़ दी है. पिछले एक साल से लगभग बंद रहने के कारण दिल्‍ली के सैकड़ों बजट होटल (Budget Hotel), रेस्‍टोरेंट (Restaurant) और गेस्‍ट हाउसेज (Huest houses) पर ताला लग गया है. वहीं कुछ होटल या गैस्‍ट हाउस मालिकों ने नए काम खोलने की तैयारी कर ली है.दिल्‍ली होटल एंड रेस्‍टोरेंट ऑनर एसोसिएशन (DHROA) के महासचिव महेंद्र गुप्‍ता ने बताया कि कोरोना महामारी (Corona Pandemic) का सबसे ज्‍यादा असर इस क्षेत्र पर पड़ा है. राजधानी के करीब 1600 बजट होटल (Budget Hotel) या गैस्‍ट हाउसेज (Guest Houses) में से करीब 40 फीसदी अभी बंद पड़े हैं. जबकि कोरोना की पहली और दूसरी लहर (Covid Second Wave) के दौरान करीब 20 फीसदी बजट होटल पूरी त‍रह बंद किए जा चुके हैं.गुप्‍ता कहते हैं कि कोरोना की पहली लहर के बाद कुछ समय के लिए होटलों को खोलने की अनुमति दी गई थी लेकिन कोरोना के डर के कारण बहुत कम संख्‍या में लोग इन होटलों (Hotels) या गैस्‍ट हाउसेज में ठहरने के लिए आए. इतना ही नहीं दूसरी लहर के बाद अब माहौल और भी खराब है. साथ ही कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave) की भी आशंका जताई जा रही है. यही वजह है कि करीब 300-400 होटल मालिकों (Hotel Owner) पूरी तरह इस काम को बंद कर दिया है.महेंद्र कहते हैं कि पहाड़गंज, नई दिल्‍ली, पुरानी दिल्‍ली सहित कई इलाकों में बजट होटल बड़ी संख्‍या में हैं. यही वजह है कि यहां आसपास के बाजारों में भी बहुत भीड़ रहती है लेकिन इनके बंद रहने से यहां के लोकल बाजारों पर भी काफी असर पड़ा है. इतना ही नहीं कोरोना के कारण टूर-एंड ट्रेवल्‍स वाले और टूरिज्‍म इंडस्‍ट्री भी प्रभावित हुई है. इसके साथ ही बेरोजगारी भी बढ़ी है. इन बजट होटलों से सरकार को भी जीएसटी के रूप में एक बड़ी रकम जाती थी जो अब प्रभावित हुई है.बता दें कि बॉयकॉट चीन (China) के दौरान दिल्‍ली होटल एंड रेस्‍टोरेंट ऑनर एसोसिएशन ने अपने सभी होटल और रेस्‍टोरेंटों में चीनी नागरिकों को न रोकने का फैसला किया था.

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