कोरोना वैक्सीन की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए केंद्र ने कसी कमर, पीएम केयर्स फंड से पुणे और हैदराबाद में दो लैब तैयार

नई दिल्ली. देश में कोविड-19 वैक्सीन की टेस्टिंग बढ़ाने के लिए सरकार ने पीएम केयर्स फंड से दो अतिरिक्त ड्रग लैब हैदराबाद और पुणे में तैयार किए हैं. जैसा कि सरकार अधिक टीकों की खरीद और उत्पादन की कोशिशों को लगातार बढ़ाने में लगी है, ऐसे में अतिरिक्त लैब की मदद से सरकार को 'टीकों के त्वरित परीक्षण और इसके प्री-रिलीज़ सर्टिफिकेशन की सुविधा' मिलेगी. वर्तमान में वैक्सीन की टेस्टिंग के लिए देश में दो प्रयोगशालाएं हैं- पहला, कसौली में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (Central Drug Laboratory) और दूसरा, नोएडा में राष्ट्रीय जैविक संस्थान (National Institute of Biologicals).

एक सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि टीकों के हर खेप के परीक्षण और गुणवत्ता नियंत्रण के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने अपने स्वायत्त अनुसंधान संस्थानों राष्ट्रीय कोशिका विज्ञान केंद्र (एनसीसीएस), पुणे और राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, (एनआईएबी) हैदराबाद में केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) के तौर पर दो वैक्सीन परीक्षण सुविधाएं स्थापित की हैं.
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लैब को तैयार करने के लिए पीएम केयर्स फंड ट्रंस्ट की ओर से कोष की व्यवस्था की गई थी. सरकार ने कहा कि इस लैब के जरिए प्रति माह वैक्सीन के लगभग 60 बैचों के का परीक्षण करने की उम्मीद है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'देश की मांग के मुताबिक हम मौजूदा कोरोना वैक्सीन और अन्य नए कोविड-19 टीकों का परीक्षण करने के लिए तैयार हैं.'
सरकार के अनुसार, इससे टीकों के निर्माण और आपूर्ति में तेजी आएगी, और यह ढुलाई के नजरिए से भी सुविधाजनक होगा क्योंकि पुणे और हैदराबाद पहले से वैक्सीन निर्माण के केंद्र हैं. केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने शनिवार को हैदराबाद में लैब स्थापित करने को लेकर फंड की मंजूरी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा था, 'हैदराबाद में फार्मा क्षेत्र के व्यापक विकास की दिशा में एक बड़ा कदम, जो कोरोना वायरस टीकों के उत्पादन को भी बढ़ावा देगा.'

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