CoWin से आई क्रांति आज दुनिया को बताएगा भारत, 50 देशों ने दिखाई दिलचस्पी; आप भी जानें इसके लाभ

नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज कोविन एप (CoWin ) को लेकर एक ग्लोबल कॉनक्लेव में हिस्सा लेंगे. यहां वो दुनिया के कई देशों को ये बताएंगे कि आखिर कैसे कोरोना वैक्सीनेशन के क्षेत्र में कोविन एप ने क्रांति ला दी है. बता दें कि भारत में कोरोना की वैक्सीन लेने के लिए हर किसी को इसी एप पर रजिस्ट्रेशन करना पड़ता है. कनाडा, मेक्सिको, नाइजीरिया, पनामा और यूगांडा सहित करीब 50 देशों ने टीकाकरण अभियान के लिए डिजिटल प्लैटफॉर्म कोविन को अपनाने में दिलचस्पी दिखाई है. पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) के सीईओ डॉ. आर एस शर्मा ने कहा था कि भारत सॉफ्टवेयर को फ्री में शेयर करने के लिए तैयार है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन डिजिटल सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. सम्मेलन को विदेश सचिव एच.वी. श्रृंगला, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण और शर्मा भी संबोधित कर सकते हैं. इस डिजिटल सम्मेलन में अलग-अलग देशों के हेल्थ और सॉफ्वेयर भी हिस्सा लेंगे. आईए एक नज़र डालते हैं कि क्या है कोविन एक और क्या हैं इसके फायदे...रजिस्ट्रेशन और स्लॉट बुकिंग कोविन एप को आप मोबाइल में एप के जरिए खोल सकते हैं. इसके अलावा इसे आप सीधे वेबसाइट के जरिए भी खोल सकते हैं. यहां मोबाइल नंबर के जरिए रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इस साल जब जनवरी में देशभर में वैक्सीनेशन की शुरुआत हुई थी तब इस एप के जरिए ही वैक्सीन के लिए स्लॉट बुकिंग होती थी. हालांकि सरकार ने अब स्लॉट बुकिंग की अनिवार्यता हटा दी है. लेकिन अब भी इस एप से आपको किसी भी सेंटर पर उपलब्ध वैक्सीन की संख्या के बारे में पता चल सकता है. सर्टिफिकेट डाउनलोड करना अगर आपने पहले से इस एप पर रजिस्ट्रेशन करवाया है तो फिर आप वैक्सीन लेने के बाद अपना सर्टिफिकेट यहां से डाउनलोड कर सकते हैं. आने वाले दिनों में विदेश की यात्रा करने वाले लोगों के लिए वैक्सीन सर्टिफिकेट की अहमियत बढ़ सकती है. दरअसल कई देश वैक्सीन के बाद ही दूसरे देश को लोग को अपने यहां एंट्री दे सकती है. सर्टिफिकेट में सुधार अगर वैक्सीन की सर्टिफिकेट में कोई गलती हो गई है तो फिर आप इसी एप के जरिए इसमें सुधार कर सकते हैं. इससे आप किसी सरकारी ऑफिस में चक्कर लगाने से बच सकते हैं पासपोर्ट और वैक्सीन का फायदा अगर आप हाल के दिनों में विदेश यात्रा पर जाना चाहते हैं तो भी इस एप से आपको फायदा मिल सकता है. इस पोर्टल पर एक खास सुविधा दी गई है. अब आप अपने पासपोर्ट को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट से जोड़ सकते हैं. सर्टिफिकेट को जोड़ना अगर आपने वैक्सीन की दो डोज़ अलग-अलग रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के जरिए ली है और आपको दो अलग-अलग सर्टिफिकेट मिले हैं. तो फिरआप इन दोनों सर्टिफिकेट को एक साथ जोड़ सकते हैं. कोविन एप विवाद- सुरक्षा की चिंता हाल के दिनों में कोविन एप को लेकर कई सारे विवाद भी हुए हैं. कुछ महीने पहले TRAI के पूर्व चेयरमैन आरएस शर्मा ने कोविन एप में डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. इस साल जनवरी में हिंदू बिजनेस लाइन को दिए एक इंटरव्यू में, शर्मा ने कहा, 'टीकाकरण के लिए सरकार के पास निजी जानकारी क्या है? क्या आपको नहीं लगता कि सरकार को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आपको टीका लगाया जाएगा या नहीं? अब, यदि आप ये कहते हुए अपना पंजीकरण कराते हैं कि मैं ऐसा हूं और विवरण दें तो क्या ये निजता का उल्लंघन है?' कोविन एप हैक होने की खबर इस साल जून में खबर आई थी कि कोविन एप को हैक कर लिया गया है. हालांकि बाद में सरकार ने इन खबरों का खंडन किया और कहा कि ये फेक न्यूज़ है. साथ ही सरकार की तरफ से कहा गया कि इस एप पर मौजूद सारे डेटा पूरी तरह से सुरक्षित हैं.

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