कांग्रेस का AAP सरकार पर आरोप, कहा-पिछले सप्ताह बर्खास्त किए 1,600 गेस्ट टीचर, यही है शिक्षा मॉडल!

नई दिल्ली. दिल्ली प्रदेश कांग्रेस (Congress) के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार (Ch. Anil Kumar ने कहा कि यह जानकर हैरानी हुई कि भारत सरकार की एकीकृत जिला सूचना प्रणाली शिक्षा प्लस (UDISE+) रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली 36वें स्थान पर है.देश में दूसरे सबसे गरीब छात्र-शिक्षक अनुपात 32.7 के साथ, बिहार संदिग्ध सूची में शीर्ष पर है. उन्होंने कहा कि यह दु:खद है कि सत्ता में बैठे लोगों की उदासीनता के कारण दिल्ली में शिक्षा का स्तर इतना दयनीय हो गया है, जो छात्रों की एक पीढ़ी के साथ घोर अन्याय है.चौ. अनिल कुमार ने कहा कि यह खुला रहस्य है कि भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम (MCD) के स्कूलों और केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) के स्कूलों में शिक्षा का स्तर वर्षों से लगातार गिर रहा है क्योंकि उन्होंने शिक्षा के स्तर में सुधार में कोई ध्यान नहीं दिया है बल्कि एक दूसरे पर कीचड़ उछालने में लिप्त रहे. कुमार ने कहा कि अरविंद सरकार द्वारा फंड जारी करने से इनकार करने के कारण एमसीडी स्कूलों (MCD Schools) के शिक्षकों को वेतन पाने के लिए अक्सर हड़ताल का सहारा लेना पड़ता है, तो शिक्षक अपनी नौकरी के प्रति प्रतिबद्धता कैसे दिखा सकते हैं?चौ. अनिल कुमार ने कहा कि पिछले कई वर्षों में शिक्षकों की भर्ती में ढिलाई के कारण शिक्षक-छात्र अनुपात विषम है, क्योंकि आम आदमी पार्टी (Aam Adami Party) और भाजपा (BJP) के लिए शिक्षा अंतिम प्राथमिकता थी.कुमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली की 'उपलब्धियों' पर घमण्ड करने वाले दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को शायद इस बात का अहसास ही नहीं है कि दिल्ली के स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक कम है.उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार (Delhi Government) स्थायी शिक्षकों की भर्ती के बजाय अतिथि शिक्षकों पर निर्भर ही है, हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का वादा किया था. इसके बजाय उन्होंने पिछले हफ्ते 1,600 अतिथि शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया, जिससे दिल्ली में शिक्षक-छात्र अनुपात में और कमी आएगी.

अन्य समाचार