किसान व मजदूरों के साथ नाइंसाफी कर रही मोदी सरकार

मधेपुरा। आल इंडिया सेंट्रल काउंसिल आफ ट्रेड यूनियंस के राज्य व्यापी आह्वान पर बिहार राज्य निर्माण मजदूर यूनियन, मनरेगा मजदूर यूनियन की ओर से बुधवार को कला भवन परिसर से निकल कर जिला समाहरणालय गेट तक प्रदर्शन किया गया।

इस मौके पर संबोधित करते हुए एआइसीसीटीयू के जिला संयोजक का. रामचंद्र दास ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। मजदूर विरोधी चार लेबर कोड लाकर मजदूरों को मार रही है। मजदूरों को मिलनी वाली सभी योजनाओं को समाप्त कर कारपोरेट परस्त कानून बनाकर मजदूर को गुलामी की ओर धकेल दिया है। आठ घंटा के बदले 12 घंटा का. लेना, न्यूनतम मजदूरी कम होना, मोदी का कानून मजदूर विरोधी है। महंगाई के कारण गरीबों का खस्ता हाल है। कोरोना में बेरोजगार हुए मजदूरों सहित सभी गरीबों को पांच किलो अनाज जो दिया जाता है उसमें कई पंचायतों में सड़ा हुआ चावल दिया गया है। पिछले साल दाल भी दिया गया लेकिन इस बार सिर्फ राशन दिया जा रहा है। पांच किलो अनाज के बदले 10 किलो अनाज के साथतेल, मसाला, दाल, चीनी भी दिया जाय। 10 दस हजार रुपए सभी गरीबों के खाता में भेजा जाय। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई से सभी प्रखंडों पर आंदोलन किया जाएगा। मनरेगा मजदूर सभा के नेता का. बेचैन मंडल ने कहा कि मनरेगा में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म किया जाय। सभी मजदूरों का जाब कार्ड देकर का. दिया जाये।

किसान नेता शंभू शरण भारतीय ने कहा कि मोदी सरकार किसान विरोधी कानून वापस ले। मधेपुरा के किसानों का मूंग क्षति का मुआवजा दे। सभा को का. सुभाष मल्लिक, का. उमेश दास, सजदा खातून, माहिया देवी, का. शिवनंदन ऋषिदेव, का. देवसागर दास, भुट्टो साह ने संबोधित किया।
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