मां ने बेटे को आठ हजार में दलाल को बेचा, बालक बंगाल से भाग कर पहुंचा पूर्णिया

पूर्णिया। पश्चिम बंगाल से भागकर आए एक बाल श्रमिक को चाइल्ड लाइन ने मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पैकगोला से संरक्षण में लेकर बालगृह में आश्रय दिया है। 12 वर्षीय बालक दरभंगा का रहने वाला है तथा उसकी मां ने ही आठ हजार रुपये में एक दलाल को सौंपा था। वह दलाल बच्चे को अच्छा खाना, कपड़ा आदि दिलाने का भरोसा दिलाया था। उस दलाल ने उसे बंगाल पहुंचा दिया जहां उससे हाड़तोड़ काम कराया जाता था तथा मालिक द्वारा मारपीट किया जाता था। बालक ने पढ़ाई करने की इच्छा जताई है।

पैकगोला निवासी दीपक कुमार चौधरी ने चाइल्ड लाइन को फोन कर एक भटका बच्चा मिलने की सूचना दी। सूचना मिलते ही चाइल्डलाइन के समन्वयक मयूरेश गौरव एवं शहजादा हसन मौके पर पहुंचकर बालक को अपने संरक्षण में लेकर मुफस्सिल थाने में सनहा दर्ज करवाया। उसके बाद बालक का कोविड-19 का जांच सदर अस्पताल में करवाया गया फिर उसे चाइल्डलाइन कार्यालय लाया गया। समन्वयक मयूरेश गौरव ने बताया कि बालक की जब काउंसलिग की गई तो उसने अपनी उम्र 12 वर्ष, पता दरभंगा बताया। बालक के अनुसार दरभंगा के रहने वाले एक दलाल ने उसकी मां को आठ हजार रुपया दिये थे। उसने कहा था कि बच्चे को बढि़या से रखेंगे। लेकिन वह दलाल उसे बंगाल ले आया और मखाना फोड़ी के काम के लिए एक मालिक के हाथ सौंप दिया। कहा कि मालिक का नाम उसे नहीं पता है। बताया कि उसे दो वक्त का खाना दिया जाता था तथा दस बजे रात से लेकर दो बजे रात तक ही सोने दिया जाता था। फिर दो बजे रात से सुबह 8 बजे तक काम करते थे। फिर खाना खाते थे पुन: काम पर लग जाते थे। बताया कि वह चार दिन से वहां था लेकिन मौका देखते ही वह वहां से भाग निकला और भटक कर पूर्णिया आ गया। बालक ने कहा कि वह पढ़ना चाहता है। चाइल्ड लाइन ने बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया। बाल कल्याण समिति ने मामले को जिला बाल संरक्षण इकाई दरभंगा को सामाजिक अनुसंधान जांच रिपोर्ट के लिए दिया है। इसके बाद उचित देखभाल व संरक्षण हेतु बालक को बाल गृह पूर्णिया में आवासित कराया गया है।

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