जनसंख्या का बढ़ रहा ग्राफ, महिलाओं की जागरूकता भी बाधा

समस्तीपुर। छोटा परिवार-सुखी परिवार, ये नारा जिले के शहरी इलाकों में कुछ हद तक तो कारगर है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में हकीकत आज भी कुछ और बयां कर रही है। यहां शादीशुदा जोड़ों को बच्चों के बीच कितना अंतर रखना है, यह भी नहीं मालूम। परिवार नियोजन तक के विषय में जानकारी नहीं है।

कोरोना काल के बीच परिवार नियोजन की तैयारी इस बार भी स्वास्थ्य विभाग विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाएगा। कोरोना संकट के बीच इस बार स्वास्थ्य विभाग का फोकस न सिर्फ अनचाहे गर्भधारण को रोकना बल्कि मातृ और शिशु स्वास्थ्य कल्याण पर भी होगा। जिले भर में दंपती संपर्क पखवाड़ा मनाया जा रहा है। जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का थीम आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी, सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी है।

दो चरणों में मनेगा पखवाड़ा
11 से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाना है। हालांकि इस दौरान पूरी तरह से शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा। सिविल सर्जन डॉ. सत्येंद्र कुमार गुप्ता ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए बेहद जरूरी सही उम्र में शादी, पहले बच्चे की देरी और बच्चों में सही अंतराल के बारे में वे लोगों को जागरूक कर सके।
इन गतिविधियों पर होगा विशेष जोर जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े के दौरान गर्भनिरोधक की मांग पर प्रत्येक लाभार्थी को दो महीने तक का अतिरिक्त इच्छित गर्भ निरोधक सामग्री दिया जाएगा ताकि लाभार्थी को बार-बार गर्भनिरोधक सामाग्रियों के लिए स्वास्थ्य केंद्र नहीं जाना पड़े। 1220 आपरेशन करने का दिया गया लक्ष्य परिवार नियोजन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसंख्या स्थिरता पखवारा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें 11 से 31 जुलाई तक विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में कार्यक्रम होंगे। विभाग की ओर से अलग-अलग स्वास्थ्य संस्थानों को महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी का लक्ष्य भी दिया गया है। इसमें जिले में 1090 महिला बंध्याकरण और 130 पुरुष नसबंदी करने को कहा गया है। सदर अस्पताल में महिला बंध्याकरण और पुरुष नसबंदी के लिए क्रमश: 90 और 30, अनुमंडलीय अस्पताल पूसा, रोसड़ा, दलसिंहसराय, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वारिसनगर, कल्याणपुर, पूसा, मोरवा, सरायरंजन, पटोरी, मोहिउद्दीनगर, उजियारपुर, विभूतिपुर, हसनपुर, सिघिया, मोहनपुर, विद्यापतिनगर, शिवाजीनगर, खानपुर व बिथान में क्रमश: 50-50 व पांच-पांच ऑपरेशन करने का लक्ष्य दिया गया है। रेफरल अस्पताल ताजपुर को क्रमश: 40 व तीन और पीएचसी कोठिया को क्रमश: 10 व दो ऑपरेशन करने को कहा गया है।
48 लाख पार कर चुकी है समस्तीपुर की आबादी जिले में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 44 लाख आबादी थी। आज यह बढ़कर 48 लाख से अधिक हो चुका है। सरकार द्वारा जनसंख्या विस्फोट रोकने के लिए चलाये जा रहे परिवार नियोजन सहित अन्य कार्यक्रम भी फ्लाप साबित हो रहे है। जानकारों की मानें, तो विभागीय उदासीनता की वजह से परिवार नियोजन कार्यक्रम का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।
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