चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाना पुलिस के लिए मुसीबत

जमुई। कभी हत्या तो कभी लूटपाट की घटनाओं का पुलिस देर सबेर पर्दाफाश तो कर देती है, लेकिन पुलिस के लिए सबसे बड़ी मुसीबत चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाना है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन चोरी की घटनाएं होती रहती है। पुलिस इन मामलों में शिथिलता बरतती है, नतीजा है कि चोर पुलिस के नाक के नीचे से चोरी की घटनाओं को अंजाम देने में सफल हो जाते हैं।

लगातार चोरी की घटनाओं का होना यह संकेत देता है कि पुलिस का गश्त दल बड़े वाहनों और शराब की गाड़ियों को जब्त करने के पीछे लगी रहती है। इस साल अब तक विभिन्न थाना क्षेत्र में दो दर्जन से अधिक चोरी की वारदात हो चुकी है। कभी घर में, तो कभी दुकान में तो कभी बाइक की चोरी हुई है।

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केस एक
18 मई की रात सिकंदरा-जमुई मार्ग में रामचंद्र पासवान के बंद पड़े मकान में सेंधमारी कर चोरों ने लगभग छह लाख रूपये की संपत्ति चुरा ली। घटना के दिन रामचंद्र अपनी मां के श्राद्धकर्म में गांव गए हुए थे।
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केस दो
20 मई को गिद्धौर थाना क्षेत्र के कुड़िला गांव में एक घर से चोरों ने जेवरात, नकदी सहित तीन लाख की संपत्ति की चोरी कर ली।
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केस तीन
13 जुलाई की रात चकाई थाना क्षेत्र के गंगरायडीह गांव में चोरों ने छिटकनी काटकर एक घर से बक्सा में रखा 15 हजार नकदी के अलावा कीमती जेवरात की चोरी कर ली। घटना उस वक्त हुई जब परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे।
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केस चार
13 जुलाई की रात नगर थाना क्षेत्र के शास्त्री कालोनी के समीप एक बाइक तथा सतगामा के समीप एक ट्रैक्टर शोरुम को निशाना बनाते हुए लगभग चार रुपये की चोरी कर ली।
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