कालाजार से बचाव को ले शुरू हुआ सिथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव

मोतिहारी। कालाजार से बचाव को लेकर गुरुवार को सिथेटिक पाईरोथाइराइड के छिड़काव का विशेष अभियान का शुभारंभ हुआ। वीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरतचंद्र शर्मा ने तुरकौलिया पीएचसी में अभियान का उद्घाटन किया। यह अभियान 29 सितंबर तक जिले के 26 प्रखड़ों के 222 गांव में चलेगा। बरसात में मलेरिया, कालाजार रोग बढ़ने की संभावना रहती है । इससे बचाव के लिए घरों, खुले मैदानों, नालियों, या बाढ़ ग्रसित क्षेत्रों, पानी जमा हुए स्थानों पर मलेरिया, कालाजार के मच्छरों की पैदाइश को रोकने के लिए कीटनाशकों का छिड़काव बेहद जरूरी होता है। इन सभी प्रकार के रोगों से बचाव के लिए मच्छड़दानी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। इस दौरान जिले में कालाजार के खात्मे के लिए भी लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाया जाएगा । जिससे कालाजार के मामलों में कमी आएगी। जिला वीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया पूर्वी चम्पारण को कालाजार से मुक्त करने के विभिन्न प्रखंडो में समय समय पर कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके लिये महादलित बस्तियों, झुग्गी-झोपडी में कालाजार से बचाव के लिये लोगों को जागरूक करने के साथ साथ सिथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता है। लोगों में कालाजार से बचाव के लिए तरह तरह के सुझाव, व परामर्श दिए जा रहे हैं । कालाजार रोग को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार काफी गम्भीर है। इसके उन्मूलन के लिये सभी को आस पड़ोस के वातावरण को साफ सुथरा रखने, शौचालय की स़फाई करने एवं मछड़दानी का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है। कालाजार को जड़ से समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, आईसीडीएस, जीविका एवं अन्य विभागों के समेकित प्रयास पर बल दिया गया है । - 15 जुलाई से 26 प्रखंडों में शुरू होगा छिड़काव: सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कालाजार की बीमारी से बचाव के लिए जिले के 26 प्रखंडों, दलित बस्तियों, में सिथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव कल 15 जुलाई से शुरू किया जा रहा है । जिन लोगों को कालाजार की बीमारी हो जाती है उनका इलाज जिला अस्पताल के साथ कई अन्य अस्पतालों में भी मुफ्त किया जाता है। साथ ही इलाज के साथ आर्थिक सहयोग भी दिया जाता है । जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शर्मा ने बताया पहले कीटनाशक दवा का छिड़काव दीवार पर छह फुट तक होता था, अब वह पूरी दीवार पर हो रहा है। वहीं इसके चक्र की अवधि को भी 60 से 66 दिनों तक किया गया है। छिड़काव के वक्त ध्यान में रखने वाली बातें


- घर की दीवारों में पड़ी दरारों को भर दें
- अच्छी तरह से घर की सफाई करें। खाने-पीने का सामान, बर्तन, दीवारों पर टंगे कैलेंडर आदि को बाहर निकाल दें।
- भारी सामानों को कमरे के मध्य भाग में एकत्रित कर दें और उसे ढक दें।
- रसोईघर, गौशाला सहित पूरे घर में पूरी दीवार पर दवा का छिड़काव कराएं। कालाजार के निम्नलिखित लक्षण हैं
- रुक-रुक कर बुखार आना
- भूख कम लगना
- शरीर में पीलापन और वजन घटना
- तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना
- त्वचा सूखी और पतली होना
- बाल का झड़ना

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