मंडल कारा में क्षमता से अधिक कैदियों का रहना चिताजनक : एडीजे

मधेपुरा। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव कुमार माधवेंद्र ने शनिवार को मंडल कारा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने सभी कार्यालय, कारा अधीक्षक के प्रकोष्ठ, कारा के अंतर्गत सभी वार्ड सहित का निरीक्षण किया। इस दौरान एडीजी ने वर्तमान में क्षमता से अधिक कैदियों के रखने पर चिता व्यक्त की।

उन्होंने निरीक्षण के दौरान पाया कि मंडल कारा में मौजूद वार्ड में कैदियों की रखने की क्षमता 182 है। जबकि वर्तमान में करीब 10 महिला बंदी सहित कुल 540 कैदी कारा में रह रहा है, जो कारा की क्षमता से लगभग तीन गुना है। एडीजी ने निरीक्षण के क्रम में महिला वार्ड को छोड़ अन्य सभी वार्डों में अत्यधिक भीड़ पर भी चिता जताई है। वार्ड के निरीक्षण के क्रम में पाया कि पांच वार्ड की छत टीन शेड की है। जबकि तीन वार्ड की छत कंक्रीट की है। यद्यपि महिला वार्ड का निरीक्षण के दौरान एडीजे संतुष्ट दिखे। उन्होंने पाया कि महिला वार्ड का क्षेत्रफल बड़ा है। इसमें सिलाई मशीन आदि सुविधा मौजूद है। सभी वार्ड में टीवी के साथ-साथ डिश का कनेक्शन भी मौजूद है। निरीक्षण के दौरान एडीजी ने पाया कि कैदियों के इलाज के लिए अलग से कोई कमरा उपलब्ध नहीं है व कैदियों का इलाज कार्यालय के अंदर ही रखें बैंच पर किया जाता है। कार्यालय व पदाधिकारियों के प्रकोष्ठ काफी छोटे लेकिन व्यवस्थित व साफ-सुथरे पाया गया। उन्होंने संतोष जताया कि भोजनालय की व्यवस्था ठीक है। भोजनालय साफ-सुथरा व हवादार है। निरीक्षण के दौरान एडीजी ने बंद कैदियों से भी मिले तथा जेल के अंदर मिलने वाली सुविधा के बारे में जानकारी ली। इस दौरान कैदियों ने उन्हें संतोष पूर्ण जवाब दिया। कुछ कैदियों ने अपने ऊपर दर्ज मामले का जिक्र करते हुए अपनी अपनी समस्याओं को एडीजी के समक्ष रखा। एडीजे ने इन कैदियों की समस्याओं व उनके ऊपर चले रहे आपराधिक मामलों की जानकारी संबंधित न्यायालय को भेजने का आश्वासन दिया। बाद में एडीजे ने बताया कि यदि बंदियों की संख्या कम कर दी जाए तो कारा की स्थिति में काफी सुधार होगी।

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