उत्पादन में क्षति के बाद फसल सहायता योजना का मिलता है लाभ

जहानाबाद: सरकार द्वारा किसानों की फसल क्षति की भरपाई को लेकर फसल योजना लागू किया गया है। इस योजना से किसानों द्वारा किए गए उत्पादन में क्षति की भरपाई किया जाता है। हालांकि इस योजना का लाभ तब तक किसानों को नहीं मिलता है जब तक वास्तविक उपज से कम नुकसान नहीं हो। सांख्यिकी विभाग द्वारा योजना के लाभ देने के लिए उस इलाके के पिछले सात साल का क्षति का आकलन करने के बाद ही भरपाई किया जाता है। इस योजना के लाभ लेने के लिए अब तक धान फसल के लिए 663 तथा मक्का के लिए 337 किसानों द्वारा आवेदन किया गया है। धान के लिए 136 रैयत एवं 525 गैर रैयत द्वारा आवेदन किए हैं। जबकि तीन रैयत एवं गैर रैयत भी लाभ के लिए आनलाइन आवेदन किया गया है।


योजना के लाभ के लिए क्या है प्रविधान
फसल सहायता योजना के लाभ के लिए किसानों को सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। जिन किसानों द्वारा इस लाभ के लिए आवेदन किया जाता है उनके द्वारा अपनी क्षति की भी सूचना दिया जाता है। सूचना उपरांत सांख्यिकी विभाग द्वारा इलाके के आकलन करता है। यदि किसानों के फसल की क्षति वास्तविक उपज से कम होती है तब योजना का लाभ मिलता है। किस किसान को कितना मिलता है लाभ
जिन किसानों की क्षति वास्तविक उपज के 20 फीसद से कम हो तो वैसे किसानों को प्रति हेक्टेयर 7500 रुपये अधिकतम दो हेक्टेयर का मिलता है। वहीं 20फीसद से अधिक नुकसान होने पर प्रति हेक्टेयर 10 हजार तथा अधिकतम 15 हजार रुपये दिया जाता है। योजना का लाभ देने की क्या है प्रक्रिया:
किसानों को तब तक इस योजना का लाभ नहीं मिलता है जब तक उनका उत्पादन में क्षति नहीं होता है। सहकारिता पदाधिकारी बाबू राजा ने बताया कि कोई फसल लगाने के उपरांत ही यदि क्षति हो जाता है तो उस स्थिति में किसानों को इस योजना से लाभ नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई फसल उपज नहीं जाता है तब तक इस योजना का लाभ नहीं दिया जा सकता है। योजना के लाभ के लिए कौन-कौन कागजात की है जरूरत:
फसल योजना के लाभ लेने के लिए किसानों को सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना पड़ता है। किसानों को कृषि विभाग से निबंधन जरूरी है। पहचान पत्र, फोटो, बैंक पासबुक, आवासीय प्रमाण पत्र, भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, स्वघोषणा पत्र आनलाइन भेजना पड़ता है।

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