पूर्णिया में छात्रावास से भागी बच्ची को लेने नहीं आई मां, भेजी गई बालिका गृह

पूर्णिया। शहर के रिफ्यूजी कालोनी स्थित एक छात्रावास से भागी दस वर्षीय बच्ची आखिरकार चाइल्ड लाइन के सहयोग से बालिका गृह भेज दी गई। यद्यपि इसकी सूचना मधेपुरा निवासी उसकी मां को भी दी गई, लेकिन बीमार रहने की बात बता फिलहाल आने से इन्कार करने पर उस बच्ची को बालिका गृह भेज दिया गया।

दरअसल मंगलवार की देर रात्रि के हाट थाना के सब इंस्पेक्टर मनीष कुमार झा द्वारा चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक मयूरेश गौरव को एक भटकी हुई बच्ची के मिलने की सूचना दी गयी। सूचना पर जिला समन्वयक के साथ लवली सिंह मौके पर पहुंच बच्ची को अपने संरक्षण में लेकर थाना में सनहा दर्ज कराया। बाद में बच्ची का सदर अस्पताल में कोविड-19 की जांच भी कराई गई। वहां से बच्ची को चाइल्ड लाइन कार्यालय लाया गया। जिला समन्वयक मयूरेश गौरव ने बताया कि बच्ची की उम्र लगभग 10 वर्ष है। उसने अपना पता मधेपुरा जिले के सिंहेश्वर थाना क्षेत्र स्थित झिटकिया गांव बताया है। बच्ची के आर पब्लिक स्कूल रिफ्यूजी कालोनी छात्रावास में थी और वहां से भागकर बस स्टैंड पहुंच गई थी। बस स्टैंड पूर्णिया में मधेपुरा वाली बस में जाकर बैठ गई। उसी बस में मु. आलम नाम का एक लड़का बच्ची से पूछताछ करने लगा और खुद को बच्ची का मामा बताने लगा। इसी दौरान छात्रावास से उस लड़की को ढ़ूढ़ते एक छात्र वहां पहुंच गया और छात्र व आलम के बीच बहस शुरु होने पर वहां भीड़ जमा हो गई। भीड़ ने बच्ची को थाना के हवाले कर दिया। पूछताछ के क्रम में बच्ची ने अपनी मां का मोबाइल नंबर भी दिया। बतौर समन्वयक दूरभाष पर मां से संपर्क करने पर उसने बताया कि वे खुद बेटी से परेशान हैं। उसकी तबीयत खराब है। कोविड-19 के कारण बच्ची के पिता की मौत दो माह पूर्व हो गई है। बाद में इसकी सूचना बाल कल्याण समिति सदस्य संतोष कुमार सिंह को दी गई। बच्ची को तत्काल बालिका गृह में आश्रय दिया गया है। इस मौके पर चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक मयूरेश गौरव, लवली सिंह , खुशबू रानी, रूबी रानी, दीपक कुमार आदि मौजूद थे।

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