इस सावन चार सोमवार, पहली सोमवारी को सौभाग्य व शोभन योग

संसू, दिघवारा: सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस वर्ष सावन मास में महज चार सोमवार ही पड़ रहे हैं। पहली सोमवारी 26 जुलाई, दूसरी दो अगस्त, तीसरी नौ अगस्त व अंतिम 16 अगस्त को है।

पंडित आचार्य राकेश मिश्रा ने बताया कि पहली सोमवारी के दिन दो दुर्लभ सौभाग्य व शोभन योग बन रहे हैं। 26 जुलाई की रात 10 बजकर 45 मिनट तक सौभाग्य योग बना रहेगा। इसके बाद शोभन योग लग जाएगा। सौभाग्य योग सदा मंगल होता है। यह भाग्य को बढाने वाला योग है। सौभाग्य योग में किए गए कार्य में सफलता सुनिश्चित होती है। वहीं शोभन योग में समस्त धार्मिक कार्य सफल व फलदायी होता है।
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बहरहाल, बिहार सरकार के द्वारा कोरोना संक्रमण काल में धार्मिक आयोजनों पर छह अगस्त तक प्रतिबंध लगाया गया है। संक्रमण के बढ़ते प्रभाव तथा संभावित तीसरी लहर को लेकर गृह विभाग के निर्देशानुसार सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखा गया है। ऐसे में श्रावण मास के अवसर पर प्रखंड के दिघवारा नगर पंचायत क्षेत्र के चकनूर गांव स्थित बाबा गुप्तेश्वरनाथ धाम में जलभरी को लेकर लोगों की संख्या भी बहुत ज्यादा होती है। इस बार भी लोग बाबा गुप्तेश्वरनाथ मंदिर में जलभरी नहीं कर पाएंगे।
दरअसल, संक्रमण काल को लेकर लगाई गई बंदिशों के मद्देनजर दिघवारा में भी सभी धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध रहेगा। ऐसे में वह सभी शिवभक्त जो श्रावण मास में गुप्तेश्वरनाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ के आमी गंगा घाट से जल लेकर बाबा गुप्तेश्वरनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए जलभरी का आयोजन बड़े पैमाने पर करते है, वह जलभरी नहीं कर सकेंगे। प्रशासन के द्वारा जारी आदेश में भी यह स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि धार्मिक स्थलों पर पहुंचने वाले लोगों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई होगी। इसके अतिरिक्त श्रावण मास के अवसर पर ही शक्ति पीठ मां अंबिका माता के मंदिर में भी पूजा अर्चना की परंपरा रही है। ऐसे में दिघवारा प्रखंड सहित जिले के अन्य प्रखंडों से भी काफी संख्या में लोग आमी जाते हैं। ऐसे श्रद्धालुओं को भी अबकी बार निराशा हाथ लगेगी।
सीओ प्रवीण कुमार सिन्हा का कहना है कि अपनी आस्था के मद्देनजर लोग अपने-अपने घरों से ही भगवान की पूजा करें। संक्रमण काल में मानवता के रक्षार्थ संक्रमण रोधी नियमों का अनुपालन ज्यादा जरूरी है। यही भगवान की सच्ची भक्ति भी है। ---------------
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