कभी भी ध्वस्त हो सकता है केएसएस कॉलेज का प्रशासनिक भवन

लखीसराय । जिला मुख्यालय स्थित इकलौता मुंगेर विश्वविद्यालय अधीन अंगीभूत केएसएस कॉलेज लखीसराय का प्रशासनिक भवन जर्जर और खंडहर बन गया है। जो कभी भी ध्वस्त हो सकता है। हादसे की आशंका से जर्जर भवन में संचालित प्राचार्य कक्ष सहित सभी कमरों में ताला लटका हुआ है। कॉलेज के कला भवन स्थित वर्ग कक्ष में कार्यालय किसी तरह संचालित किया जा रहा है। जर्जर भवन की छत का टुकड़ा टूट कर रोज गिर रहा है। कॉलेज प्रबंधन द्वारा कई बार विश्व विद्यालय को जर्जर प्रशासनिक भवन की जगह नया भवन निर्माण कराने का प्रस्ताव भेजा गया। लेकिन विश्वविद्यालय स्तर पर कोई पहल नहीं की गई। प्रशासनिक भवन बना भूतबंगला, डरे सहमे हैं कालेज कर्मी


जिला मुख्यालय स्थित केएसएस कालेज लखीसराय का प्रशासनिक भवन पूरी तरह खंडहर में तब्दील हो गया है। जिस भवन में कॉलेज के प्राचार्य का कक्ष, सामान्य शाखा, लेखा शाखा, मनोविज्ञान विभाग, परीक्षा विभाग एवं स्टोर रूम है। आज वहां ताला लटका हुआ है। हादसे के डर से कॉलेज के कर्मी जर्जर भवन जाना छोड़ दिया है। कारण यह है कि भवन इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी ध्वस्त हो सकता है। बारिश होते ही हादसे की आशंका बढ़ जाती है। प्रशासनिक भवन के चारों ओर जंगली घास उग आए हैं। जिससे यह भवन कहीं से भी सुरक्षित नहीं रह गया है। महाविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. शुभ आशीष राय ने बताया कि परीक्षा विभाग में बैठना खतरे से खाली नहीं है छत की दीवार टूट कर टेबल और कुर्सी पर गिर रहा है। जिसके कारण कभी भी हादसा हो सकता है इस कारण वहां काम बंद कर दिया गया है। महाविद्यालय के शिक्षक संघ के सचिव डा. अमित कुमार ने महाविद्यालय और विश्वविद्यालय प्रशासन से अविलंब इस जर्जर प्रशासनिक भवन को परित्यक्त कर नए भवन का निर्माण कराने और तत्काल कला एवं विज्ञान भवन में सभी संकाय की पढ़ाई की व्यवस्था करने की मांग की है।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
मुंगेर विश्वविद्यालय के सीसीडीसी सह केएसएस कॉलेज लखीसराय के प्रभारी प्राचार्य डा. अजय कुमार ने बताया कि स्थापना काल से चल रहे कालेज का प्रशासनिक भवन वर्तमान में पूरी तरह जर्जर और खंडहर का रूप ले लिया है। जहां कार्य करना संभव नहीं है। इसके लिए कई बार कुलपति को लिखित और मौखिक रूप से जानकारी देते हुए नए भवन का निर्माण कराने का प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन अब तक इस पर विश्वविद्यालय द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कालेज के जर्जर प्रशासनिक भवन के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों को भी पहल करने की जरूरत है तभी इस पुराने महाविद्यालय का कायाकल्प संभव है । जर्जर भवन के कारण कला भवन में किसी तरह कार्यालय चलाया जा रहा है।

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