गर्भाशय, ब्लैडर जैसे अंगों की जांच के लिए किया जाता है 'सोनोहिस्टेरोग्राम टेस्ट', जानें इसके बारे में

सोनोहिस्टेरोग्राम (Sonohysterogram) एक खास तरह का अल्ट्रासाउंड होता है। जो यूटरस और फैलोपियन ट्यूब को जांच कर यह बताता है कि आपके शरीर में कौन कौन सी इंट्रायूटरीन (गर्भ के अंदर) परेशानियां हैं। अगर आपकी डॉक्टर आपको यह टेस्ट करवाने को बोलती हैं तो इसका मतलब है वह आपके यूटरिन (Uterine) से जुड़ी कुछ समस्या जैसे असमान्य रूप से ब्लीडिंग होना, क्रैंपिग, इनफर्टिलिटी (Infertility) या पेल्विक पेन (Pelvic Pain) के बारे में जानना चाहती हैं। अगर आप आईवीएफ प्रक्रिया करवा रही हैं तो डॉक्टर एंब्रियो (Embryo) इंप्लांट (Implant) करने से पहले भी यह देखने के लिए कि इस प्रक्रिया में क्या क्या मुसीबत आती है, इस टेस्ट या अल्ट्रा साउंड को कराने को बोल सकती हैं। आइए इस टेस्ट के बारे में थोड़ा गहनता से जानते हैं।

क्या होता है सोनोहिस्टेरोग्राम -What Is Sonohysterogram
डॉक्टर रंजना बेकन, गायनोकोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया अस्पताल बताती है कि यह एक प्रकार का नॉन इनवेसिव ट्रांस वेजिनल अल्ट्रा साउंड होता है, जो यूटरिन कैविटी के अंदर सलाइन यानी नमकीन पानी को इंट्रोड्यूस करता है। इस एग्जाम में किसी तरह की रेडिएशन का प्रयोग नहीं किया जाता है और यह पूरी तरह से दर्द रहित होता है। इसमें साउंड वेव का प्रयोग होता है जिसके द्वारा मॉनिटर पर आपके यूटरस की फोटो लाई जाती है।
इस प्रक्रिया के दौरान एक स्किनी ट्यूब जिसे कैथेटर कहा जाता है, आपके सर्विक्स की ओपनिंग के अंदर डाल दी जाती है। फिर इस ट्यूब के माध्यम से एक सेलाइन सॉल्यूशन यूटरिन कैविटी तक पहुंचाया जाता है। यह सॉल्यूशन यूटरस को थोड़ा स्ट्रेच करता है ताकि यूटरस की वॉल्स थोड़ी एक दूसरे से अलग हो जाएं और इसके बाद यूटरस की स्थिति को जांच किया जाता है। उस ट्यूब के माध्यम से ही यह टेस्ट अल्ट्रा साउंड के रूप में यूटरस या के बारे में बताता है।
इसके बाद आपकी वेजाइना में एक लंबी छड़ डाली जाती है । यह साउंड वेव को निकालती है। जो बाद में बाउंस बैक हो कर इको की तरह सुनाई देती हैं। यह छड़ साउंड वेव्स की इको को रिकॉर्ड करता है और कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजता है। जहां से यूट्रस के अंदर की इमेज कंप्यूटर पर दिखाई देती हैं। यह किया जाता है। इसलिए आपके डॉक्टर सलाइन सॉल्यूशन के बिना भी इस टेस्ट को कर सकते हैं।
सोनोहिस्टेरोग्राम के कुछ लाभ-Benefits Of Sonohysterogram
सोनोहिस्टेरोग्राम के नुकसान (Side Effects)
इस टेस्ट से कभी-कभी कुछ महिलाओं में योनि से ब्लड या स्पॉटिंग या हल्का दर्द हो सकता है। लेकिन घबराने की बात नहीं यह एक या दो दिनों में ठीक हो जाता है। यह प्रोसेस बहुत सिंपल है और इसके दौरान आपको किसी तरह के रिस्क भी उठाने नहीं पड़ते । जब यह किया जाता है तो बस मामूली सी बेचैनी हो सकती है।
हालांकि इससे आपको इंफेक्शन होने का खतरा भी नहीं होता है, जोकि एक बहुत अच्छी बात है। इसकी कीमत भी 35 हजार से लेकर 50 हजार के बीच की ही होती है। जो बाकी के महंगे टेस्टों के मुकाबले बहुत कम है। इसलिए अगर आपका डॉक्टर यह टेस्ट करवाने के लिए बोलता है तो बिलकुल भी घबराएं न और इसे करवा लें।

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