पूर्णिया में संसाधन के विकास के साथ मुनाफाखोरों से निपटना भी जरूरी

पूर्णिया। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अब जिले में काबू में है। सक्रिय मरीज एक समय शून्य पर पहुंच गया था। अभी पांच सक्रिय मामले हैं। पहली लहर से लेकर दूसरी लहर तक टेस्टिग से लेकर अस्पताल में उपचार की सुविधा में इजाफा हुआ है। इसके बावजूद जब संक्रमण पीक पर पहुंचता है कई तरह की समस्याएं सामने आ जाती हैं। इस मौके पर भी मुनाफाखोर अपनी आदतों से बाज नहीं आते हैं। प्रशासन को इसके लिए सख्त तैयारी करनी होगी।

आक्सीजन और दवा आदि चिकित्सकीय सामग्री पर मनमाना दाम वसूलने वालों पर प्रशासन को नजर रखनी होगी। ऐसे लोग पहले कमी को कृत्रिम तरीके से जमाखोरी कर प्रारंभ करते हैं। उसके बाद लोगों की मजबूरी का लाभ उठाने लगते है। सिविल सर्जन ने बताया अब जिले में आक्सीजन सिलेंडर और उसके रिफिलिग की पर्याप्त तैयारी कर ली है। जिला अस्पताल में दो -दो आक्सीजन प्लांट लगाया गया है। जिले में जम्बो सिलेंडर से लेकर छोटे सिलेंडर की पर्याप्त सुविधा है। केंद्रीयकृत आक्सीजन पाइप लाइन लगाने के बाद सिलेंडर की आवश्यकता केवल पीएचसी स्तर पर ही रहेगी। 606 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हैं। सदर अस्पताल डीसीएचसी में बी टाइप आक्सीजन सिलेंडर 195 है। डी टाइप 93 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। 23 भरे हुए हैं जबकि 70 खाली है। कुल 288 सिलेंडर उपलब्ध है। धमदाहा डीसीएचसी में 40 बी टाइप और डी टाइप चालीस है। बनमनखी में 59 बी टाइप और डी टाइप 40 उपलब्ध है। निजी अस्पतालों जहां कोविड मरीज का उपचार होता है। आठ निजी अस्पताल चिह्नित है। वहां पांच से 30 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। इसमें वर्तमान में 413 भरे हुए हैं। निजी अस्पतालों में 186 बेड कोरोना मरीजों की लिए चिह्नित हैं। दूसरी लहर में सदर अस्पताल में आक्सीजन की समस्या नहीं हुई थी। मुनाफाखोर पर सख्त एक्शन की तैयारी है। दूसरी लहर के दौरान में कई छापेमारी प्रशासन ने की थी। सीएस ने बताया कि इस संबंध में प्रशासन के साथ एक योजना तैयार की गई है। किसी भी तरह से मुनाफा कमाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। दवा या आक्सीजन सिलेंडर की जमाखोरी गैर कानूनी है।
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