Bihar News Today: बिहार में पंचायत चुनाव का काउंटडाउन शुरू, JDU अध्‍यक्ष बनने के बाद पहली बार पटना पहुंचे ललन सिंह

पटना, आनलाइन डेस्‍क। Bihar News Today, 06 August 2021 जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) पद संभालने के बाद शुक्रवार को पटना पहुंचे। पार्टी व समर्थकों ने उनका स्वागत किया। उधर, तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) ने जातीय जनगणना (Caste Census) के लिए संघर्ष की ओर इशारा करते हुए ट्वीट किया है। बिहार में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) का काउंटडाउन भी शुरू हो गया है। इसे लेकर बड़ी खबर यह है कि यह 10 चरणों में 20 सितंबर से 25 नवंबर के बीच होगा। निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने इसकी गाइडलाइन भी जारी कर दी है। बिहार की तमाम बड़ी खबरों को यहां एक जगह पढ़ें।

बिहार पंचायत चुनाव को लेकर बड़ी खबर, 10 चरणों में 20 सितंबर से 25 नवंबर के बीच संपन्न होगा इलेक्शन
बिहार में पंचायत चुनाव 10 चरणों में 20 सितंबर से 25 नवंबर के बीच होगा। इसकी अधिसूचना 20 अगस्त को जारी की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने बिहार में पंचायत चुनाव की गाइडलाइन जारी कर दी है। प्रत्याशी अगर वोट के लिए रुपये बांटता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रत्‍याशियों के लिए चुनाव में खर्च की सीमा तय कर दी गई है। प्रत्याशी किसी भी राजनीतिक दल के झंडा या पोस्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे।
बिहार के सरकारी और निजी स्‍कूलों में नौवीं और 10वीं की कक्षाएं शनिवार से तो आठवीं तक के स्‍कूलों में 16 अगस्‍त से आफलाइन पढ़ाई शुरू हो जाएगी। राज्‍य सरकार ने इनके लिए कुछ पाबंदियां भी लगाईं हैं।
बिहार में मानसून सक्रिय होने से कई जिलों में अगले तीन दिनों तक मध्यम से भारी बारिश होगी। मौसम विज्ञान केंद्र ने कई जिलों के लिए 'येलो-अलर्ट' जारी किया है।
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालने के बाद पहली बार राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह शुक्रवार को पटना पहुंचे। ललन सिंह के स्वागत को के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं ने तैयारी कर रखी है।
चिराग पासवान ने कहा है कि जेडीयू के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष ललन सिंह को जोड़ने का अनुभव हो या नहीं, लेकिन तोड़ने का अनुभव जरूर है। एलजेपी को तोड़ने में उनकी अहम भूमिका रही।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव ने पोस्‍ट किया है- 'करे के बा, लड़े के बा, जीते के बा।' वीडियो विधानसभा चुनाव के समय का है, लेकिन इसे जातीय जनगणना की मांग से जोड़कर देखा जा रहा है।

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