दो योजनाओं से हुआ एक सड़क का निर्माण, प्रमुख ने डीएम से की जांच की मांग

मोतिहारी। हरसिद्धि प्रखंड क्षेत्र के चरड़हिया पंचायत में एक ही सड़क को दो योजनाओं से निर्माण कार्य के लिए मिली स्वीकृति से मामला उथल-पुथल हो गया हैं। एक ही सड़क को प्रखंड कार्यालय के तकनीकी सहायक एवं मनरेगा अभियंता द्वारा 14वी वित्त आयोग द्वारा काम करने की अनुमति दी गई फिर उसी योजना को पंचायत समिति योजना के अंतर्गत मनरेगा से निर्माण कार्य की स्वीकृति दे दी गई। इस संबंध में प्रखंड प्रमुख गुंजा भारती ने आवेदन देकर जिलाधिकारी से जांच की मांग की है। इससे स्पष्ट होता है कि एक बंद कमरे से योजनाओं की स्वीकृति दे जाती हैं। अगर पदाधिकारी धरातल पर जाकर सड़क को देखकर स्वीकृति दिए होते तो आज दो प्रतिनिधियों के बीच उठापटक की स्थिति नहीं होती। प्रखंड प्रमुख गुंजा भारती का कहना है कि मनरेगा अधिकारी के स्वीकृति के बाद योजना की स्वीकृति मिली जिसको मेरे अभिकर्ता द्वारा कराया गया। फिर भी इसमें क्या हुआ कि उस सड़क पर 14 वी वित्त आयोग की बोर्ड लगाकर राशि का उठाव कर लिया गया। मुखिया अभय तिवारी ने बताया कि 14 वी वित्त आयोग द्वारा मुझे पहले से स्वीकृति मिल चुकी थी। स्टीमेट भी बन चुका था। जियो टैगिग हो चुका था, जिस पर मैं काम कराया था। उसके बाद प्रमुख पति पप्पू पासवान द्वारा पीसीसी कुछ कराया गया। सवाल उठता है कि जब निर्माण कार्य की स्वीकृति अधिकारीगण द्वारा होनी है तो इसकी जांच क्यों नहीं हुई। प्रखंड प्रमुख द्वारा जांच के लिए डीएम को आवेदन दिया गया। मनरेगा जेई जितेंद्र कुमार ने बताया कि मुझे कुछ मालूम नहीं है। पीआरएस द्वारा मुझे जियो टैगिग करने के लिए कहा गया। मैं उसका जियो टैगिग मनरेगा से किया। मुझे नहीं बताया गया कि 14वी से भी कोई काम करने के स्वीकृति दी गयी है। इसमें पदाधिकारी की गलती के कारण एक ही सड़क को बनाने के लिए दो योजनाओं से स्वीकृति मिली। इसमें अधिकारियों की गलती उजागर हुई है। जांच के बाद पता चलेगा कि किसकी गलती है।


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