डेहरी को सासाराम से अलग जिला बनाने को वकीलों ने मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार को लिखा पत्र, बताई यह वजह

डेहरी आन-सोन (रोहतास), संवाद सहयोगी। डेहरी को जिला का दर्जा दिलाने को लेकर अनुमंडल विधिज्ञ संघ की अध्यक्ष रमाकांत दुबे की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक हुई। जिसमें अधिवक्ताओं ने डेहरी अनुमंडल की भौगोलिक बनावट और अनुमंडल क्षेत्र के गावों की जिला मुख्यालय से काफी दूरी होने का जिक्र करते हुए डेहरी को जिला बनाने संबंधी एक मांगपत्र मुख्यमंत्री को भेजा। पत्र में डेहरी को जिला बनने के सभी मानकों को पूरा करने की बात कही गई है।

अध्यक्ष ने कहा कि कैमूर पहाड़ी और उत्तरप्रदेश के सीमा क्षेत्र से सटे नौहट्टा प्रखंड के गावों की दूरी जिला मुख्यालय से 120 किलोमीटर है। जहां से लोगो को जिला मुख्यालय पहुंचे और अपने दैनिक कार्यों के निष्पादन में दो दिन लग जाता है। न्यायालय के कार्य से आने पर एक दिन अतरिक्त ठहरना पड़ता है। जिससे गरीब गुरबों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। इसलिए जिला बनाने को लेकर प्रस्ताव पारित कर इस मामले को ले सर्व सहमति से मुख्यमंत्री को पत्र भेजने का निर्णय लेते हुए पत्र भेजा गया।
पत्र में डेहरी अनुमंडल के नौहट्टा, रोहतास, तिलौथू, डेहरी,अकोढीगोला के साथ बिक्रमगंज अनुमंडल के राजपुर,नासरीगंज,काराकाट प्रखंड को मिलाकर जिला बनाने का जिक्र है। अध्यक्ष ने कहा कि डेहरी जिला के सभी मानकों को पूरा करता है। यहां एसपी, डीआइजी कार्यालय भी है। ङ्क्षसचाई विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय,बीएमपी टू का मुख्यालय ,श्रम संसाधन कार्यालय समेत कई जिला स्तरीय कार्यालय भी है, जो जिला बनाने के लिए पर्याप्त संसाधन है। कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स द्वारा जिला बनाने की मांग के समर्थन में होने की बात भी अधिवक्ताओं ने कही। बैठक में संघ के महासचिव बृजनंदन ङ्क्षसह, प्रदीप कुमार सिंह, दीपक कुमार,मिथिलेश कुमार,पुरुषोत्तम बिहारी दुबे, शुनेश्वर , मोतीलाल पासवान, अरुण कुमार चौबे, प्रशांत पाठक, विनोद बिहारी पाठक समेत अन्य अधिवक्ता शामिल थे।

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