गरीबों के प्रति ''पाखंड'' के लिए मोदी ने कांग्रेस की खिंचाई की, कहा पहले की व्यवस्था में थी विकृति

भोपाल, सात अगस्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस की पिछली सरकारों पर परोक्ष रुप से निशाना साधते हुए उस पर 'गरीबों के कल्याण का पाखंड' करने आरोप लगाया और कहा कि वह दिन में सौ दफा गरीब शब्द गीत की तरह गाते थे लेकिन गरीबों के कल्याण के लिए कोई काम नहीं किया।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के मध्यप्रदेश के लाभार्थियों को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''आज अगर सरकार की योजनाएं ज़मीन पर तेज़ी से पहुंच रही हैं, लागू हो रही हैं, तो इसके पीछे सरकार के कामकाज में आया परिवर्तन है। पहले की सरकारी व्यवस्था में एक विकृति थी। वो गरीब के बारे में सवाल भी खुद पूछते थे और जवाब भी खुद ही देते थे।''
उन्होंने पिछली सरकार पर गरीबों और ग्रामीणों को सड़क, बिजली, आवास, खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं से दूर रखने का आरोप लगाया और कहा, '' मुंह में तो दिन में 100 बार गरीब शब्द बोलते थे, गरीब के गाने गाते थे, गरीब के गीत गाते थे। लेकिन व्यवहार अलग था, और ऐसी चीजों को हमारे यहां पाखंड कहा जाता है। वे सुविधा तो देते ही नहीं थे लेकिन गरीब से झूठी सहानुभूति जरूर जताते थे।''
पिछले सात सालों में भाजपा सरकार द्वारा गरीबों का सशक्तिकरण करने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, '' लेकिन जमीन से उठे हम लोगों ने आपके सुख-दुख को निकट से अनुभव किया है। हम तो ऐसी ही व्यवस्था की मार झेलकर के बड़े हुए हैं । इसलिए बीते वर्षों में गरीब को ताकत देने का, सही मायने में सशक्तिकरण का प्रयास किया जा रहा है।''
मोदी ने कोरोना महामारी को पिछले एक सौ साल में दुनिया पर आई सबसे बड़ी विपदा बताते हुए कहा कि कोरोना महामारी से दुनिया का ध्यान तुरंत अपनी स्वास्थ्य सुविधाओं की ओर गया और सब इसे सशक्त करने में लग गए लेकिन इतनी अधिक आबादी वाले मुल्क भारत के लिए यह चुनौती दुनिया के अन्य मुल्कों से अधिक बड़ी थी। उन्होंने कहा कि हमें इस संकट से उपजी भुखमरी, पलायन और रोजगार जैसी अन्य समस्याओं से भी निपटना था।
उन्होंने कहा कि देश में 80 करोड़ लोगों को कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान मुफ्त राशन प्रदान किया गया, इनमें मध्यप्रदेश के पांच करोड़ लोग भी शामिल हैं।
कोरोना काल में देश में गरीबों को मुफ्त राशन और शहरों से गांवों में वापस आए लोगों के लिए रोजगार योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा,'' भारत ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने की अपनी रणनीति में गरीबों को पहली प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना हो या प्रधानमंत्री रोजगार योजना, हमने पहले दिन से ही गरीबों के भोजन और रोजगार के बारे में सोचा।''
मोदी ने कहा कि महामारी के खिलाफ ये सारे इंतजाम करते हुए देश ने ''मेड इन इंडिया'' पर जोर दिया। उन्होंने कहा, '' इसी कारण भारत के पास अपनी प्रभावी और सुरक्षित टीका भी है। 50 करोड़ डोज लगाने के पड़ाव को हमने कल पार किया है। दुनिया के कई देशों की आबादी से अधिक टीके भारत एक सप्ताह में लगा रहा है। यह नये भारत का आत्मनिर्भर भारत है। कभी हम दुनिया में पीछे रहते थे लेकिन अब हम आगे हैं।'' उन्होंने कहा कि आगे आने वाले दिनों में हमें देश में टीकाकरण को और बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली प्रदेश की भाजपा सरकार के कल्याणकारी कार्यो की प्रशंसा करते हुए मोदी ने कहा कि मध्यप्रदेश ने बीमारु राज्य की पहचान को काफी पहले ही पीछे छोड़ दिया है और आज प्रदेश के शहर स्वच्छता और विकास के नए प्रतिमान गढ़ रहे हैं ।
मोदी ने अपनी सरकार की वोकल फॉर लोकल पहल पर जोर देते हुए कहा कि भारतीयों को त्योहारों पर हस्तशिल्प की चीजें खरीदना चाहिए ताकि इस क्षेत्र में काम करने वालों को प्रोत्साहित किया जा सके।
अपने संबोधन से पहले मोदी ने मध्यप्रदेश के सतना, होशंगाबाद, बुरहानपुर और निवाड़ी के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों से सीधे बातचीत कर यह भी जाना कि उन्हें मुफ्त राशन मिला या नहीं अथवा राशन मिलने में किसी तरह की दिक्कत का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने लोगों से अन्य योजनाओं से मिलने वाले लाभ को लेकर भी सवाल किए।
निवाड़ी के चंद्रभान से मोदी ने पूछा कि केंद्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ उन तक पहुंच रहा है या नहीं। चंद्रभान के 'हां' कहने पर मोदी ने संतोष व्यक्त किया और कहा कि केंद्र द्वारा भेजे गए एक रुपये के सभी सौ पैसे अब गांवों तक पहुंच रहे हैं और अब यह पैसा बिचौलियों को नहीं जा रहा है।
होशंगाबाद की माया उइके से बात करते हुए मोदी ने पूछा कि वह अपने बच्चों का भविष्य कैसा देखना पसंद करती हैं तो माया ने कहा कि वह उनकी पढ़ाई सुनिश्चित करेंगी तब मोदी ने जापान की राजधानी में जारी ओलंपिक खेलों में भाग लेने वाली लड़कियों का जिक्र करते हुये कहा कि भारत की कई लड़कियां बेहद गरीब परिवारों से हैं और वह वहां अद्भुत प्रदर्शन कर रही हैं।
भोपाल के मिंटो हॉल से प्रसारित वर्चुअल कार्यक्रम चौहान ने भी संबोधित किया।
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