Darbhanga: सूबे के 27 ला कालेज में नामांकन शुरू करने के मामले में हुई सुनवाई

दरभंगा, जासं। दरभंगा के विवेक कुमार गुप्ता, भागलपुर के कुनाल कौशल और पटना के सैयद आरिफ तुली बनाम बिहार सरकार के मामले में पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी 27 लॉ कालेजों की संबद्धता के मामले में चार अगस्त को सुनवाई की। चीफ जस्टिस संजय कोरोल की खंड पीठ ने सभी ला कालेज को निर्देश दिया की बार काउंसिल ऑफ इंडिया के समक्ष एक सप्ताह में निरीक्षण के लिए आवेदन समर्पित करेंगे। मामले को लेकर बार काउंसिल कालेजों का वर्चुअल या फिजिकल निरीक्षण करेगी।

निरीक्षण रिपोर्ट बार काउंसिल ऑफ इंडिया के संबंधित कोटी के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। यह कमेटी इनकी रिपोर्ट पर निर्णय लेगी। बार काउंसिल यह देखेगी की विधि शिक्षा, 2008 के नियमों का पालन शिक्षण संस्थानों में किया जा रहा है, या नही। इन कालेजों को फिर से चालू करने की अस्थायी अनुमति देते के लिए नियमों में ढील नही दी जायेगी। उच्च न्यायालय पटना ने कुणाल कौशल बनाम बिहार सरकार के वाद में अस्थायी रूप से बिहार के 27 विधि कालेजों में नामांकन पर रोक लगा दी गई थी। उसी पर विवेक कुमार गुप्ता ने भी 21 मार्च 2021 को हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी, और कहा था कि यह सरकार का काम है, कि विधि कालेजों की संबद्धता कैसे बचेगी और बिहार के गरीब विद्यार्थी विधि की शिक्षा कैसे प्राप्त करेंगे। यदि बिहार सरकार बार काउंसिल की सभी मानकों को लॉ कालेजों में लागू कर देती है, तो संबद्धता बचने की उम्मीद रहेगी।
दरभंगा के विवेक ने सूचना का अधिकार' के तहत मांगी थी कई जानकारी, कई ब‍ि‍ंदुओं पर जवाब नहीं मिलने पर दायर की थी याचिका दरभंगा के गांधीनगर के विवेक कुमार गुप्ता ने 'सूचना का अधिकार' के तहत सीएम लॉ कालेज से कई ब‍ि‍ंदुओं पर प्रश्न पूछे थे। इसके जवाब में कालेज ने बताया था कि कालेज में शुरू से ही 320 सीटें नामांकन के लिए निर्धारित है। नामांकन के लिए पिछले पांच वर्षों में 2015 में 582, 2016 में 734, 2017 में 639, 2018 में 300, और 2019 में 1185 आवेदन आए। वर्तमान में कुल 6 वर्ग कक्ष हैं। शिक्षकों की नियुक्ति विश्वविद्यालय और बिहार सरकार के द्वारा होती है। बीते पांच वर्षों में फैकल्टी सदस्य में कुल 17 सदस्यों ने अपना योगदान दिया है। वहीं कालेज को बीसीआइ से कब मान्यता मिली, कालेज के छात्रों से पाठ्यक्रम के लिए कितने शुल्क लिए जाते हैं, कालेज का वित्तीय ब्यौरा, कालेज में पुस्तकालय और पुस्तकों की संख्या और एलएलबी फैकल्टी सदस्यों के नियुक्ति के लिए न्यूनतम मानदंड क्या उक्त प्रश्नों के उत्तर सूचना के अधिकार के तहत नहीं बताए गए थे। इन्हीं सब ब‍िंदुओं को लेकर विवेक कुमार गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।

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