Srijan scam Bhagalpur latest update: इस तरह ईडी के हत्थे चढ़ा भागलपुर का व्यापारी

आनलाइन डेस्क, भागलपुर। बिहार के भागलपुर में हुए सृजन घोटाले में आज ईडी ने बहुत बड़ी कार्रवाई की। 1000 करोड़ के ज्यादा का घोटाला इसमें हुआ है। इसी मामले में भागलपुर शहर के बड़े व्यापारी पीके घोष को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पटना में गिरफ्तार किया है। पीके घोष घोटाले के मास्टरमाइंड हैं। उनसे पटना स्थित ईडी के दफ्तर में दों दिनों तक पूछताछ की गई। शनिवार शाम को बेउर जेल भेज दिया गया। वे आरजे सिन्हा (सीए) के साथ ऑडिट करते थे। 25-30 लाख के मनी लान्ड्रिंग के केस में गिरफ्तारी हुई है।

पांच बार मांगा स्पष्टीकरण, नहीं दिया जवाब
सृजन घोटाला से ही संबंधित एक अन्य मामलों की शनिवार को अपर समाहर्ता अरुण कुमार सिंह ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान भू-अर्जन विभाग के पूर्व नाजिर राकेश झा हाजिर हुए। पूर्व नाजिर से पांच बार स्पष्टीकरण मांगा गया है। लेकिन एक भी जवाब नहीं दिया गया। अपर समाहर्ता ने छठी बार स्पष्टीकरण का जवाब देने का निर्देश पूर्व नाजिर राकेश झा को दिया। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। इसके पूर्व स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिए कहा गया। राकेश झा का कहना था कि जिस कागजात की उन्होंने मांग की थी, वह उन्हें नहीं मिली। इस पर अपर समाहर्ता ने प्रस्तुतिकरण पदाधिकारी जिला भूअर्जन पदाधिकारी को जल्द से जल्द संबंधित कागजात उपलब्ध कराने का आदेश दिया। 28 अगस्त को हर हाल में स्पष्टीकरण का जवाब राकेश झा को देने के लिए कहा गया है। सृजन घोटाले के आरोपी जिला भू-अर्जन के पूर्व नाजिर राकेश कुमार झा अपने ऊपर लगे आठ आरोपों से संबंधित साक्ष्य मांगे थे। पूर्व नाजिर राकेश झा सृजन घोटाला मामले में निलंबित हैं। निलंबित अवधि में उनका मुख्यालय नवगछिया अनुमंडल किया गया है।
वहीं जिला नजारत शाखा के पूर्व नाजिर ओम कुमार श्रीवास्तव से संबंधित मामलों की भी सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान ओम श्रीवास्तव ने बैंकों के लेन-देन से संबंधित जानकारी सौंपी। नजारत से जो चेक जारी हुआ था, उसकी राशि डीएम के खाते में नहीं गई थी। ओम कुमार श्रीवास्तव जब नजारत शाखा के नाजिर थे, तब कितने चेक बैंक को भेजा गया। चेक पर किनके हस्ताक्षर थे। चेक से संबंधित रिकार्ड कहां है। चेक से जमा राशि कहां गई। ऐसी कई जानकारी मांगी गई थी। उनपर आरोप है कि उन्होंने विभाग के चार चेक को न तो खुद बैंक में जमा किया और न ही मैसेंजर के माध्यम से बैंक में जमा कराया। चेक को एक कर्मचारी अमरेंद्र यादव के माध्यम से बैंक भेजा गया था। अमरेंद्र यादव के माध्यम से ओम श्रीवास्तव ने बैंक में चेक जमा कराया था, उस समय अमरेंद्र जिला नजारत शाखा में कार्यरत था।

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