करनाल में सुपौल के तीन मजदूरों को बनाया बंधक

-स्वजन ने करनाल के उपायुक्त को भेजा ई-मेल, मुक्त कराने की गुहार

-पूर्व में उपायुक्त की पहल बाद 10 मजदूरों को किया गया था मुक्त संवाद सूत्र, सरायगढ़ (सुपौल) : सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड अंतर्गत रामपुर गांव वार्ड नंबर 06 के तीन मजदूर को हरियाणा के नाडाना रोड गांव गामरी, ताराबाड़ी, जिला करनाल में जबरन बंधक बनाकर प्रताड़ित करने एवं उसे मजदूरी करवाने का एक मामला सामने आया है। मामले को लेकर बंधक बने मजदूर के स्वजन ने करनाल के उपायुक्त को रविवार को ई-मेल से आवेदन भेज कर ठीकेदार के चंगुल में फंसे मजदूरों को मुक्त कराने की गुहार लगाई है।

करनाल के उपायुक्त को भेजे आवेदन में मसोमात शांति देवी, राधा देवी तथा सुबेदा खातून ग्राम रामपुर प्रखंड राघोपुर सुपौल बिहार ने कहा है कि वे सब अनुसूचित जाति एवं अल्पसंख्यक समुदाय के गरीब लोग हैं। 17 अप्रैल 2021 को हरियाणा के राइस मिल ठीकेदार मनोज कुमार सिंह एवं उनके मुंशी शेखर द्वारा उनके स्वजन को ज्यादा कमाई एवं बेहतर रहन-सहन का लालच देकर साथ ले गए। 19 अप्रैल को सभी मजदूर अन्नपूर्णा राइस मिल नाडाना गांव गामरी, ताराबाड़ी, जिला करनाल हरियाणा पहुंच गए तथा फैक्ट्री में काम करने लगे। फैक्ट्री में जाने वाले मजदूरों की संख्या 54 थी। आवेदन में लोगों ने लिखा है कि कोरोना संक्रमण काल में जैसे-जैसे राइस मिल में काम कम होता गया तो ठीकेदार द्वारा मजदूरों को छुट्टी दी जाने लगी। 30 जुलाई 2011 को काम समाप्त हो गया तो 13 मजदूर को वहां बंधक बना लिया गया। उन मजदूरों से जबरन काम कराया जाने लगा जिसकी शिकायत उनलोगों को मिली तो 2 अगस्त 2021 को ई-मेल के माध्यम से शाम 7:50 बजे पत्र उपायुक्त करनाल को भेजा। उपायुक्त करनाल द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए 4 अगस्त को ठीकेदार एवं मुंशी को बुलाकर सभी 13 मजदूर को मुक्त कर बिहार भेजने का आदेश दिया। उसके बाद ठीकेदार व मुंशी के द्वारा एक झूठा शपथ पत्र उपायुक्त के यहां देकर कहा गया कि सभी मजदूर को घर भेज दिया गया। लेकिन उनके द्वारा मात्र 10 मजदूर को ही मुक्त किया गया।
आवेदन में कहा गया है कि मजदूर सिकंदर कुमार (24), मु. शमीम (26), सूरज कुमार (17) को कहीं छुपा लिया गया। बाद में सिकंदर तथा शमीम से जबरन काम लिया जाने लगा और सूरज कुमार का कहीं पता नहीं चल रहा है। आवेदन में आवेदक ने आशंका व्यक्त किया है कि ठीकेदार द्वारा सूरज की हत्या करने की साजिश की जा रही है और इसी कारण से गायब कर रखा गया है। आवेदकों ने यह भी कहा है कि सिकंदर कुमार तथा मु. शमीम को ठीकेदार अपने निजी निवास थाना रोड ताराबाड़ी में कहीं छुपा कर रखा है जबकि उपायुक्त के कार्यालय में ठीकेदार द्वारा गलत शपथ पत्र देकर सभी को घर भेज देने की बातें कही गई है। आवेदकों ने तीनों मजदूरों को तत्काल रिहा करवाने का अनुरोध किया है।
-------------------------------------------- स्वजन ने लगाई थी न्याय की गुहार सुपौल जिले के राघोपुर प्रखंड के रामपुर गांव से काफी संख्या में मजदूर हरियाणा के करनाल स्थित अन्नपूर्णा राइस मिल में काम करने गए थे। वहां जाने वाले मजदूरों की संख्या 54 बताई गई है। कोरोना संक्रमण के चलते मिल में काम खत्म होने पर ठेकेदार द्वारा 13 मजदूर को रोककर बाकी सभी मजदूर को घर भेज दिया गया। जिन 13 मजदूरों को वहां रोका गया उसका नाम फागू सादा (57), फूचन सादा (40), मु. शमीम (26), कल्लू सादा (48), सिकंदर कुमार (24), सुरेंद्र सादा (22), संदीप पासवान (22), सूरज कुमार (17), अरुण कुमार (17), सुभाष कुमार (15), अमलेश कुमार (15), दिनेश सादा (15) का नाम शामिल है। बाद में इन मजदूरों से ठीकेदार द्वारा जबरन काम कराया जाने लगा और उसे बंधक बना लिया गया। आरोप लगाया गया कि उन मजदूरों पर काफी पैसे बकाया है। मजदूरों में से किसी ने इसकी जानकारी स्वजन को दी तो 2 अगस्त 2021 को वहां फंसे मजदूरों में से उसके स्वजन ने करनाल के उपायुक्त को ईमेल से एक आवेदन भेज कर न्याय की गुहार लगाई थी।

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