पूर्णिया निबंधन कार्यालय से हटाए गए दो कंप्यूटर आपरेटर

पूर्णिया। पूर्णिया निबंधन कार्यालय में वैसे तो आधे दर्जन से अधिक कंप्यूटर आपरेटर हैं, लेकिन निबंधन विभाग दो कंप्यूटर आपरेटरों पर ज्यादा मेहरबान दिख रहा था। इस मामले का दैनिक जागरण द्वारा पर्दाफाश किए जाने के बाद हरकत में आए विभाग ने इन दोनों कंप्यूटर आपरेटरों का तबादला पूर्णिया निबंधन कार्यालय से कर दिया है। पूर्णिया निबंधन कार्यालय में वर्षों से जमे कंप्यूटर आपरेटर मनीष कुमार को धमदाहा निबंधन कार्यालय एवं अमरेश उर्फ बबलू को अमौर निबंधन कार्यालय भेजा गया है।

इसके पूर्व इनके ऊपर विभाग की मेहरबानी इस कदर थी की विभाग द्वारा सभी कंप्यूटर आपरेटरों का यहां से जहां तहां तबादला कर दिया गया लेकिन इन दोनों पर विभाग की मेहरबानी बरसती रही और यहां जमे रहे। जबकि इनका भी एक कार्यालय में काम करने की समय सीमा पूरी हो चुकी है। पूर्णिया निबंधन कार्यालय में जितने भी तरह का खेल खेला जाता था उसमें इन दोनों कंपयूटर आपरेटरों का अहम रोल रहता था। किस जमीन का निबंधन किस श्रेणी में होगा तथा इसके लिए क्या करना होगा यह दोनों ही तय करते थे। इनकी कही हुई हर बात का पालन किया जाता था। निबंधन कार्यालय में सरकारी राजस्व का खेल लंबे समय से खेला जा रहा था। यहां व्यवसायिक जमीन को आवासीय एवं आवासीय जमीन को कृषि योग्य जमीन बताकर सरकारी राजस्व का चूना लगाया जा रहा है। हाल के दिनों में इसमें इतनी ज्यादा संख्या में वृद्धि हुई हुई है की अब यह चौक चौराहों पर होने वाली चर्चा तक में शामिल हो गया है।

निबंधन विभाग के कंप्यूटर में जिस जमीन की ब्रिकी पर रोक लगी है उसका भी खुलेआम निबंधन किया जा रहा है। निबंधन की अनुमति तब दी जाती है जब इसके एवज में चढ़ावा ले लिया जाता है। हर दिन ऐसे मामले सामने आते हैं जब जमीन का निबंधन कराने के लिए लोग निबंधन कार्यालय पूर्णिया पहुंचते हैं तो उन्हें बताया जाता है की कंप्टूटर में इस जमीन की बिक्री पर रोक लगी हुई है। यह सुनते ही जमीन की खरीद बिक्री के लिए पहुंचे लोग परेशान हो जाते हैं और इसका फायदा वहां के कंप्यूटर आपरटेर द्वारा जमकर उठाया जाता था। निबंधन विभाग द्वारा निबंधन पर रोक की बात तो बताई जाती है लेकिन किस कारण रोक है इसकी जानकारी उनके द्वारा नहीं दी जाती थी। बाद में जब सब कुछ तय हो जाता है तो निबंधन कर दिया जाता है। बताया जाता है की निबंधन विभाग के कंप्यूटर के आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं की कितनी बड़ी संख्या में जमीन के भूखंड पर रोक रहने के बाद भी उसका निबंधन कर दिया गया है।
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कोट के लिए
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दो कंप्यूटर आपरेटरों का तबादला कर दिया गया है। इनके बारे में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद यह कार्रवाई की गई है। एक को अमौर और दूसरे को धमदाहा भेजा गया है।
सुशील कुमार सुमन, सहायक निबंधन महानिरीक्षक पूर्णिया
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