सावधानी के साथ शुरू करें उद्योग-धंधे

जागरण संवाददाता, सुपौल: कोरोना के कहर ने न सिर्फ लोगों की जिदगी ली, बल्कि उद्योग-धंधे को भी चौपट कर दिया। इस वायरस ने सबसे अधिक छोटे-छोटे उद्योग-धंधे वालों को प्रभावित किया। अब जब सबकुछ सामान्य हो गया है तो कई ऐसे लोग हैं जो फिर से उद्योग-धंधे को खड़ा कर लिया है, तो कई खड़ा करने की सोच रहे हैं। ऐसी स्थिति में यह बताना उचित होगा कि उद्योग-धंधे जरूर शुरू करें, लेकिन पूरी सावधानी के साथ। कोरोना को ले पूरी सावधानी बरतनी होगी। कोरोना प्रोटोकाल का पालन करना होगा।जब तक आम आदमी सजग नहीं होंगे तब तक इस वायरस को नहीं हराया जा सकता है।


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धंधा बदल लिया पर नहीं बदली आदत
शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार में लोगों की भीड़़ उमड़ रही है। यहां कोरोना की गाइडलाइन का कोई पालन नहीं हो रहा है। कोरोना की मार के चलते लोगों ने अपना धंधा तो बदल लिया है, लेकिन अपनी आदत नहीं बदली है। बिना मास्क व शारीरिक दूरी का पालन किए बगैर अपने धंधे को आगे बढ़ाने में लगे हुए हैं। यह बात कहीं से भी सही नहीं है। धंधा के साथ-साथ अपने और अपने ग्राहक की सुरक्षा को ध्यान में रखना होगा। तभी इस वायरस की मार से उबर पाएंगे।
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खरीदार से दुकानदार तक रहते बिना मास्क
सुपौल शहर की सब्जी मंडी में सुबह में खूब भीड़ लगती है। यहां तकरीबन दो सौ छोटी-बड़ी दुकानें हैं। वहां का हाल यह है कि खरीदार से लेकर दुकानदार तक सभी बिना मास्क के ही दिखाई दिए। सब्जी खरीद रहे कोई -कोई ग्राहक तो मास्क को गले में लटका कर रखते हैं तो कोई अपनी जेब में। कोई कहता है कि मास्क जरूरी है, लेकिन कितनी देर तक उसे लगाकर रखें। यहां पर लोग शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भी नहीं दिखते। पुलिस जांच अभियान भी शिथिल है। कई पुलिस के जवान भी बिना मास्क के ही दिखाई पड़ते हैं। लोग यह भी कहने से बाज नहीं आते कि अभी जिले में कोरोना के मरीज नहीं हैं। सबसे बड़ी बात है कि धंधा अपनी जगह है और सुरक्षा अपनी जगह। यह बात समझना निहायत ही जरूरी है।

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