कारू हत्याकांड जमुई: हत्या की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझी, बंद घर में कैसे हुई हत्या

संवाद सूत्र, झाझा (जमुई)। कारू पासवान की हत्या की गुत्थी सुलझने के बजाय उलझती जा रही है। घर से सभी दरवाजे बंद रहने के बावजूद बाहर से कोई कैसा आया, गोली चलने की आवाज किसी ने क्यों नहीं सुनी आदि सवालों का जवाब पुलिस तलाश रही है। पुलिस की शक की सुई मृतक के स्वजन पर भी है। लिहाजा हर बिंदू को बारिकी से जांचा जा रहा है। मृतक की दूसरी पत्नी डोली देवी ने बयान के अनुसार घर में लगे लोहे के दरवाजे बंद थे, फिर कारू को सोए अवस्था में किसने गोली मारी। अपराधी घर के अंदर कैसे प्रवेश किया। इन प्रश्नों का हल पुलिस निकालने में लगी हुई है। पत्नी के बयान ने पुलिस के समक्ष कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

बताया जाता है कि कारू पासवान ने तीन शादी रचाई थी जिसमें से बीच वाली पत्नी की मौत हो चुकी है। तीनों पत्नी में से सात बच्चे हैं। इन दिनों कारू अपनी दो पत्नी एवं मृत पत्नी के बच्चों के साथ अपने घर में रह रहा था, जबकि कारू की मां अपने दो बेटे के साथ दूसरे मकान में रहती थी। स्वजनों ने बताया कि कारू अपने घर के बरामदे पर सोता था। सोमवार की शाम को खाना खाने के बाद वह अपने बेड पर सो गया था, जबकि बगल वाले एक कमरे में उसकी पहली पत्नी रीना देवी अपनी पुत्री एवं एक अन्य महिला के साथ सो रही थी। दूसरे कमरे में दूसरी पत्नी डोली देवी अपने दो बच्चे के साथ सो रही थी। तीसरे कमरे में कारू का 13 वर्षीय पुत्र मोहित कुमार अकेला सो रहा था। किसी को गोली चलने की आवाज सुनाई नहीं दी। कारू की दूसरी पत्नी डोली देवी ने बताया कि रात में मेरे कमरे का दरवाजा खुला रहता है परंतु वारदात की सुबह कमरे का दरवाजा बाहर से बंद था। साथ ही मोहित कुमार का दरवाजा बंद था। काफी चिल्लाने के बाद गोतिनी रीना देवी ने दोनों कमरे को खोला। घटना के दौरान कारू का बड़ा पुत्र पवन कुमार अपने दादी के घर सो रहा था।
मोबाइल उठा सकता है सस्पेंस से पर्दा
पुलिस ने कारू के क्षतिग्रस्त मोबाइल को बरामद कर लिया है। कारू के पुत्र मोहित ने बताया कि अपराधी ने मोबाइल को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास किया, जबकि पुलिस ने मोबाइल को क्षतिग्रस्त होने का कारण गोली बता रही है। कारू के मोबाइल से हत्या की गुत्थी सुलझाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। घर के अन्य किसी सदस्य के पास मोबाइल नहीं रहने की बात बताई गई।
बड़ा बेटा को किया था घर से बाहर
कारू पासवान अपने पूरे परिवार का ख्याल रखता था। सब की जरूरत को पूरा करता था। रोजगार के लिए अपने 18 वर्षीय बड़े बेटे पवन कुमार को हाल में टोटो गाड़ी की व्यवस्था कर दी थी। बेटे के कार्य से कारू काफी नाखुश था, किंतु दो दिन पूर्व वह किसी बात को लेकर बड़े बेटे से दुखी हो गया और उसे घर से बाहर निकाल दिया तथा टोटो वापस ले लिया। इसके बाद पवन अपनी दादी के पास रह रहा था।
स्वजन का रो-रोकर था बुरा हाल
कारू पासवान विगत दो साल से अपराध की दुनिया को छोड़ कर अपने परिवार के साथ खुशी खुशी जीवन बिता रहा था। तीन शादी रचाई थी। तीनों पत्नी में बच्चे भी हैं। सभी का भरण-पोषण कारू पासवान खुद कर रहा था। किसी को कोई दिक्कत नहीं होने दे रहा था। दो बड़ी पुत्री की शादी हो चुकी है, बाकी सभी बच्चे छोटे हैं। कारू की मौत होने से पूरा परिवार बेसहारा हो गया है। पत्नी रीना देवी एवं डोली देवी के अलावा मां दुलारी देवी को रो-रोकर बुरा हाल था। अगल-बगल के लोगों के आंखों में भी आंसू थे। मुहल्ले के लोगों ने कहा कि कभी भी कारू ने मुहल्ले के लोगों को तंग नहीं किया।
पुलिस हर बिंदू पर जांच कर रही है। जल्द ही मामले का खुलासा हो जाएगा। घटना को अंजाम देने वाला सबके सामने आ जाएगा। - राजेश शरण, थानाध्यक्ष, झाझा।

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