गया में फिर डूबने लगे मोहल्ले, कई घरों के निचले तल में घुसा पानी

गया। शहर के दक्षिण छोर स्थित वार्ड संख्या 45 एवं 46 के लोग डरे-सहमे हैं, क्योंकि पांच वर्ष पूर्व जलजमाव की समस्या को झेल चुके हैं। मनसरवा नाले का जलस्तर को देखकर लोग भयभीत हैं। नाले के जलस्तर में वृद्धि नैली दुबहल आहर का बांध टूटने से हुई है। इसके कारण मनसरवा नाले के समीप बसने वाले अशोक विहार, पंत नगर, मकसूदन कालोनी, मयूर विहार एवं विष्णुपुरी कालोनी की बड़ी आबादी जलजमाव का दंश चार दिनों से झेल रही है। स्थिति यह है कि नाले की सही से सफाई नहीं हुई है। जलस्तर बढ़ने की वजह से उक्त मोहल्ले में चार से पांच फीट तक जलजमाव है। इसके कारण कई घरों के निचले तल में नाले का पानी घुसा है और लोग पानी के बीच किसी तरह समय काट रहे हैं। रात में नहीं आती है नींद :

मनसरवा नाले के जलस्तर में वृद्धि शनिवार की रात से हुई है, जिससे कई घरों में पानी घुसा हुआ है। जलजमाव को देखकर मोहल्ले के लोग भयभीत है। अजित कुमार, अखिलेश कुमार, मीणा देवी एवं राजकुमार शर्मा कहते है कि रात में नींद नहीं आती है। क्योंकि पांच साल पहले का जलजमाव देख चुके है। एक पखवारे तक पानी के बीच रहने पड़ा था। मनसरवा नाले का जलस्तर देखकर ऐसा लग रहा है कि फिर वह दिन तो नहीं आ जाएगा? नाले पर नहीं हटा अतिक्रमण :
मनसरवा नाले पर अतिक्रमण हटाने के साथ निर्माण का आदेश मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2016 में दिया था। लेकिन अभी तक आदेश का पालन जिला प्रशासन एवं नगर निगम द्वारा नहीं किया गया। अगर नाला अतिक्रमण मुक्त होता तो यह नौबत नहीं आती। साथ ही अतिक्रमण हटाने के लिए वार्ड पार्षद प्रीति सिंह ने भी नगर निगम बोर्ड में कई बार प्रस्ताव रखी है। साथ ही जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। उसके बाद भी नाले का अतिक्रमण मुक्त नहीं किया गया। नाले पर करीब 50 से 60 मकान अवैध बना हुआ है। कोट:
नैली दुबहल आहर का बांट टूटने से मनसरवा नाले का जलस्तर में वृद्धि हुई है। टूटे बांध की मरम्मत करने के बाद ही जलजमाव की समस्या समाप्त हो सकती है। आहर नगर निगम क्षेत्र में नहीं रहने के जिला प्रशासन को सूचित कर दिया गया है। फिर भी 24 घंटा में दो फीट नाले के जलस्तर में कमी आई है।
-सावन कुमार, नगर आयुक्त

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