बदहाल हुआ कटफर सेवा आश्रम जहां आजादी से पहले भी लहराता था तिरंगा

संसू, कुआड़ी(अररिया): जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित कुर्साकांटा प्रखंड के भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट कुआड़ी पंचायत के अंतर्गत स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा स्थापित कटफर सेवा आश्रम अपने बदहाली पर आज तक आंसू बहा रहा है। जहां आजादी से पहले भी लहराता था तिरंगा।

स्वतंत्रता सेनानी बाबू बसंत सिंह द्वारा स्थापित इस सेवा आश्रम का उद्देश्य स्वतंत्रता आंदोलन से संबंधित गुप्त नीतियों का निर्धारण करना था। जो गुलाम भारत में पावर हाउस के नाम से जाना जाता था। जहां इस कटफर सेवा आश्रम में आजादी के पहले से ही तिरंगा फहराया जाता था पर आज वही कटफर सेवा आश्रम की जीर्ण- शीर्ण अवस्था से राष्ट्र प्रेमियों, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार समेत प्रबुद्ध जन व्याधित हैं।

इस सेवा आश्रम का उद्देश्य इस जंगल के तराई क्षेत्रों के स्वतंत्रता सेनानियों को एक मंच पर लाना था।अपने इस महान उद्देश्य के लिए स्वतंत्रता सेनानी बाबू बसंत सिंह, जगलाल चौधरी, विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता, गिरीश तिवारी, गोकुल बाबू, रामदेनी तिवारी व्दिजदेनी, कमलानंद विश्वास, रघुवीर मंडल, कुशेश्वर पासवान शास्त्री, सीताराम गुप्ता, गछुली ठाकुर सहित दर्जनों लोग सक्रिय थे। स्वतंत्रता सेनानी मनीलाल सिंह, द्वारिका सिंह, रामदुलार शर्मा ने इस सेवा आश्रम के निर्माण में सहयोग किया था। इस कटफर गांव में स्थापित यह सेवा आश्रम ब्रिटिश हुकूमतों के विरुद्ध रणनीति तैयार की जाती थी तथा इस नीति के तहत स्वतंत्रता आंदोलन में कुआड़ी व सिकटी थाना क्षेत्र की जनता (जो आज कुर्साकांटा व सिकटी प्रखंड के नाम से जाना जाता है) का पूरा सहयोग मिलता रहा भूमिगत स्वतंत्रता सेनानियों को एक मंच पर लाने का यह उपयुक्त सेवा आश्रम बना रहा। इस कटफर सेवा आश्रम में अनुग्रह नारायण सिंह, कुमार गंगाधर मिश्र, डॉक्टर श्री कृष्णा सिंह, ब्रज किशोर सहाय, आचार्य बद्री नाथ शर्मा, विनोदानंद झा, भोला पासवान शास्त्री सहित अन्य महान हस्तियों का आना जाना यहां होता रहा। अंग्रेजी हुकूमत में स्वतंत्रता की आवाज की भनक जब पूर्णिया के अंग्रेज के एसपी को लगी तब इसे दबाने का प्रयास चलता रहा। गोड़ी पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई पर सेनानियों ने अंग्रेजों से लोहा लेते रहे। अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिए गए। आजादी के बाद भी डाक्टर श्रीकृष्णा सिंह का लगाव बिहार के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी इस स्थान से गहरा रहा। इतना ही नहीं सन 1955 में पूर्णिया जिला कांग्रेस समिति गोकुल कृष्णा आश्रम पूर्णिया के सभापति दारोगा प्रसाद चौधरी व प्रांतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष नंदलाल सिंह तथा संगठन के प्रधानमंत्री सियाराम सिंह लगातार कटफर सेवा आश्रम के संपर्क में रहे तथा पार्टी संगठन का इस क्षेत्र की जानकारी लेते रहे।
उन्होंने अपने पत्र संख्या 46(ग) दिनांक 19 नवंबर 1955 में कुआड़ी निवासी राष्ट्र प्रेमी भूमिगत स्वतंत्रता सेनानी विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता को आमंत्रित किया तथा उन्हें 27 नवंबर 1955 को स्वतंत्रता सेनानियों की महती सभा में सम्मानित भी किया।
परंतु बीतते समय में इसकी महत्ता को कम कर दी गई। एक तरफ इस स्थान से जुड़े महान सपूत लोग स्वर्ग विदा होते रहे। वहीं दूसरी ओर यह आश्रम भी खोने लगा। क्षेत्र के लोगों ने इस सेवा आश्रम को राष्ट्रीय धरोहर की मांग की है जहां आजादी से पहले भी लहराता था तिरंगा जो एक पावर हाउस के रूप में जाना जाता था।

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