दधीचि देहदान समिति की बैठक में जिला इकाई का हुआ गठन अजातशत्रु बने अध्यक्ष तो पूनम पंडिया बने सचिव

संसू, फारबिसगंज (अररिया): जरूरतमंदों को अंग उपलब्ध कराने और अंगदान के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से फारबिसगंज में दधीचि देहदान समिति की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। जिसमें अररिया जिला इकाई का गठन किया गया। बैठक में अंगदान को लेकर जागरूकता और मृत्योपरांत नेत्र सहित अन्य अंगों के दान को लेकर व्यापक पहलुओं पर चर्चा की गई। मृत्योपरांत शरीर और उसके विभिन्न अंगों को दान करके जरूरतमंदों की न केवल जान बचायी जा सकती है, बल्कि शरीर की उपयोगिता भी सिद्ध किया जा सकता है।

बैठक में दधीचि देहदान समिति अररिया जिला इकाई के लिए सर्वसम्मति से संरक्षक के रूप में बच्छराज राखेचा और कमलेश अग्रवाल और अध्यक्ष के रूप में अजातशत्रु अग्रवाल और सचिव पूनम पांडिया का चयन किया गया। जबकि उपाध्यक्ष पद पर शिवनारायण दास उर्फ भानु और सीताराम भगत,सहसचिव के लिए पप्पू लड्डा, विपुल छाजेड़, कोषाध्यक्ष इंजीनियर आयुष अग्रवाल, प्रेस सचिव पद पर राहुल कुमार ठाकुर के अलावे तीन सदस्यीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में संजय अग्रवाल, सुधा अग्रवाल एवं विनोद तिवारी का चयन सर्वसम्मति से किया गया।
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बैठक को संबोधित करते हुए दधीचि देहदान समिति जिलाध्यक्ष अध्यक्ष अजातशत्रु अग्रवाल ने देहदान की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि हरेक साल सैकड़ों भारतीय अंग प्रत्यारोपण के अभाव में समय से पहले काल के गाल में समा जा रहे हैं। हरेक साल 2.1 लाख भारतीयों को गुर्दा प्रत्यारोपण की जरूरत होती है, लेकिन सिर्फ तीन से चार हजार गुर्दा का ही प्रत्यारोपण सम्भव हो पाता है। उन्होंने अंगदान खासकर नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता आने की बात कही और कहा कि लगातार नेत्रदान के लिए शपथ पत्र भरे जा रहे हैं। इस मौके पर बच्छराज राखेचा,कमलेश अग्रवाल, शिवनारायण दास और सचिव पूनम पांडिया ने नेत्रदान को लेकर कई अहम जानकारी दी और कहा कि संस्था की ओर से पूर्णिया मेडिकल कालेज में आई बैंक खुलवाने को लेकर पहल की जायेगी। उन्होंने आई बैंक के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आई बैंक ऐसी संस्था है,जो दान की गई आंख को एकत्र कर उसको सुरक्षित रख रखाव एवं वितरण की प्रक्रिया सुनिश्चित करता है। मृत्यु के उपरांत छह से आठ घंटे के अंदर आंख का कार्निया निकाल लेने पर नेत्रहीन को रोशनी दिया जा सकता है। बैठक में विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई और सामाजिक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाने का भी निर्णय लिया गया।

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