पूर्णिया विश्वविद्यालय को पीजी की मान्यता का रास्ता साफ

पूर्णिया। पूर्णिया विश्वविद्यालय को पीजी की मान्यता में मौजूद अड़चन लगभग दूर हो चुकी है। वर्तमान कुलपति डा. राजनाथ यादव के साथ सीनेट सदस्य सह विधान परिषद सदस्य डा. दिलीप जयसवाल लगातार इस प्रयास में जुटे हुए थे। इस संबंध में सोमवार की रात या फिर मंगलवार को अनुमति संबंधी पत्र शिक्षा विभाग से जारी हो जाने की संभावना है।

सोमवार को विधान परिषद डा. जयसवाल इस मसले को लेकर दिनभर सचिवालय में ही डटे रहे। डा. जयसवाल ने कहा कि पूर्व कुलपति की चूक के कारण काफी संख्या में छात्रों का भविष्य अधर में फंसा हुआ था। इसको लेकर व्यक्तिगत तौर पर लगातार प्रयासरत थे। यह खुशी की बात है कि सभी के अनुकूल प्रयास से इसकी मान्यता का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि इसके लिए वर्तमान कुलपति ने इमानदारी व जिम्मेवारी से अपनी भूमिका निभाई और इसी का प्रतिफल है कि इस मामले में फंसा अड़चन दूर हो पाया। इसके अलावा छात्र संगठनों के लगातार संघर्ष के कारण भी सरकार द्वारा छात्रों की आवाज पहुंच पाई और विश्वविद्यालय के समक्ष मौजूद एक बड़ी समस्या का समाधान हो पाया।

बता दें कि पूर्णिया विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पीजी की पढ़ाई के लिए कुलाधिपति के साथ राज्य सरकार के स्तर से मान्यता मिलनी थी। पूर्व कुलपति द्वारा राज्य सरकार के स्तर से बिना मान्यता प्राप्त के ही पीजी की पढ़ाई यहां आरंभ कर दी गई थी। इस चलते सत्र 2018-20 के छात्रों को परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद भी अंक पत्र नहीं मिल पा रहा था। कोट-
कुलपति डा. राजनाथ यादव के सतत प्रयास, व छात्र संगठनों के संघर्ष के फलाफल पीजी की मान्यता का रास्ता साफ हो गया है। सोमवार की देर रात्रि या मंगलवार को शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा इस संदर्भ का पत्र जारी कर दिए जाने की संभावना है। डा. दिलीप जयसवाल, विधान परिषद सदस्य।
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