समीक्षा बैठक में उपमुख्यमंत्री बाढ़-राहत और बचाव कार्य से हुए अवगत

खगड़िया। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने गुरुवार को समाहरणालय सभाकक्ष में खगड़िया जिले में चलाए जा रहे बाढ़ राहत कार्यों और राजस्व संग्रहण की समीक्षा की। अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। डीएम आलोक रंजन घोष ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जिले में बाढ़ की वर्तमान स्थिति एवं राहत व बचाव कार्यों की विस्तार से जानकारी दी। बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में कोविड-19 टीकाकरण की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया। जिले में बहने वाली प्रमुख नदियों कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक और गंगा के वर्तमान जलस्तर की स्थिति से उपमुख्यमंत्री को अवगत कराया। 57 बाढ़ राहत शिविर में एक लाख 48 हजार लोग लिए हैं शरण

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बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित परबत्ता, खगड़िया, गोगरी और अलौली के पंचायत व गांव हुए हैं। जिले में 11377 पालिथीन सीट का वितरण और 6964 फूड पैकेट का वितरण किया गया है। कुल 57 सामुदायिक रसोइयों में 1,48,674 बाढ़ पीड़ित लाभान्वित हुए हैं। 222 क्विटल पशुचारा का वितरण किया जा चुका है। विभिन्न प्रखंडों में कुल मिलाकर 160 नौकाओं का संचालन किया जा रहा है। बाढ़ से कुल प्रभावित जनसंख्या 2,05,083 है। बाढ़ से पूर्णत: प्रभावित 11 एवं आंशिक प्रभावित पंचायतों की संख्या 42 है। जिलाधिकारी ने नौका पर टीका अभियान और बोट एंबुलेंस के बारे में भी उपमुख्यमंत्री को जानकारी दी। बाढ़ में क्षतिग्रस्त घरों का किया जा रहा है आकलन जिलाधिकारी ने नगर परिषद खगड़िया के पूर्णत: टीकाकृत होने की जानकारी भी उन्हें दी । बाढ़ के कारण जिले में किसी की मृत्यु नहीं हुई है। जिले में कोविड की स्थिति भी सामान्य है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की एक - एक टीम परबत्ता में प्रतिनियुक्त की गई है। जीएन तटबंध में रिसाव की काफी शिकायतें मिली थीं, जिन्हें बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक द्वारा बेहतर तरीके से बाढ़ संघर्षात्मक कार्य चलाकर नियंत्रित किया गया। बाढ़ से पूर्व भी 11-12 स्थलों पर बाढ़ संघर्षात्मक कार्य कराया गया था। मुख्यमंत्री द्वारा भी परबत्ता भ्रमण के दौरान जीएन बांध पर बोल्डर पीचिग कराए जाने पर सहमति व्यक्त की गई है। पूर्व के बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत की जानकारी भी दी गई। कहा गया कि गृह क्षति के आकलन का कार्य किया जा रहा है। तटबंधों की सुरक्षा पर भी हुई चर्चा
उपमुख्यमंत्री द्वारा बाढ़ राहत के कुशल प्रबंधन पर संतोष जताया गया। उन्होंने तटबंधों पर गश्ती का निर्देश दिया। जिस पर जिलाधिकारी ने बताया कि इसका अनुपालन किया जा रहा है। स्थानीय लोग काफी सजग हैं और मीडिया द्वारा भी रिसाव आदि की सूचना दी जा रही है। जिस पर ससमय कार्रवाई करते हुए रिसाव को रोका जा रहा है। राजस्व के लक्ष्य को जल्द पूरा करने का दिया निर्देश
बाढ़ राहत की समीक्षा के उपरांत उपमुख्यमंत्री ने राजस्व संग्रहण की समीक्षा की और राज्य कर आयुक्त, परिवहन पदाधिकारी, अवर निबंधक, खनन पदाधिकारी, जिला परिषद, मत्स्य पदाधिकारी से विभाग द्वारा निर्धारित राजस्व संग्रहण के लक्ष्य और राजस्व प्राप्ति के अद्यतन स्थिति की जानकारी ली और लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश दिया। वहीं कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद खगड़िया और गोगरी से नगर विकास हेतु विभागीय निर्देशों के अनुपालन के साथ शहरी क्षेत्र के विकास हेतु आवश्यक आयोजन का निर्देश दिया गया।
उपमुख्यमंत्री ने आपदा पीड़ितों का सरकार के खजाने पर पहला हक मानने के मुख्यमंत्री के निदेश को स्मरण कराया। बाढ़ से प्रभावित इलाके के लोगों को लाभ देने की सरकार की प्राथमिकता दुहराई। उपमुख्यमंत्री ने कोविड परिस्थितियों से निकलने और आत्मनिर्भर बिहार के लिए निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने की जरूरत बताते हुए जिले के विकास हेतु आम लोगों के दुख दर्द को महसूस कर काम करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी को ऊर्जावान बताते हुए उन्होंने बेहतर प्रबंधन के लिए उनकी तारीफ की। उन्होंने खगड़िया से अपने भावनात्मक लगाव की जानकारी देते हुए इसके विकास हेतु कठिनाइयों को दूर करने का आश्वासन भी दिया। साथ ही खगड़िया नगर के विकास हेतु तत्परता से उच्च स्तर पर कार्य करने का इरादा बताया।
बैठक के दौरान पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी, सांसद चौधरी महबूब अली कैसर, नगर परिषद सभापति सीता कुमारी आदि मौजूद थे।

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