जिले के अस्पतालों में कई विभाग के चिकित्सक नहीं, कैसे होगा बेहतर इलाज

मुंगेर । कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने भी सूबे के सभी मेडिकल कालेज, जिला अस्प्ताल से लेकर अनुमंडल अस्पताल को पूर तरह तैयार रहने को कहा है। इसकी तैयारी भी शुरू हो गई है। कोरोना से निबटने के लिए जरूरी संसाधनों को जुटाया जा रहा है। आक्सीजन से लेकर वेंटिलेटर और बेड को व्यवस्थित करने का काम चल रहा है। लेकिन, चिकित्सकों की कमी को दूर नहीं किया गया है। मुंगेर जिले का हाल काफी दयनीय है। यहां के सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की कमी है। चिकित्सकों के सृजत 154 पद में से 39 पद खाली है। शिशु रोग, फिजिशियन सहित कई विभाग के चिकित्सक हैं। ऐसे में बेहतर इलाज की परिकल्पना संभव नहीं है।


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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की हालत भी दयनीय
टेटिया बंबर अस्पताल की हालत भी काफी दयनीय है। जगह के अभाव में मरीजों को फर्श पर लिटाकर इलाज किया जाता है। अस्पताल का भवन का निर्माण नहीं होने से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के पुराने भवन में ही अस्पताल चलाया जा रहा है। अस्पताल में छह चिकित्सक, 12 एएनएम और ड्रेसर का पद रिक्त है। चिकित्सकों के पद रिक्त होने से मरीजों को परेशान होना पड़ता है। इसी तरह बरियापुर, खड़गपुर, तारापुर, असरगंज, धरहरा प्रखंडों में भी चिकित्सकों की कमी से मरीजों का हाल बेहाल है। मरीज के स्वजनों का कहना है कि स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर रहेगा तो मरीजों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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बंध्याकरण के प्रति रूचि बढ़ी जिले के फैमिली
जिला प्लांनिग को-आर्डिनेटर तस्नीम रजि ने बताया कि जिले के लोगों में परिवार नियोजन के प्रति काफी जागरुकता दिख रही है। जिले के सभी सीएचसी और पीएचसी में परिवार नियोजन के लिए आपरेशन करवाने के लिए काफी संख्या में इजाफा हुआ है। राष्ट्रीय परिवार सर्वे-पांच में 2019- 2020 के आंकड़ों के अनुसार मुंगेर राज्य का पांचवा जिला है। इतना ही नहीं जिले में परिवार नियोजन के लिए संसाधन अपनाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका दर 35.4 फीसद से बढ़कर 68 पहुंच गई है।
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कोट
-जिला से लेकर अनुमंडल और प्रखंडों में जरूरी दवाइयां उपलब्ध कराई गई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए शिविर में चिकित्सकों की पूरी टीम तैनात है। अस्पतालों में चिकित्सकों की कमी भी जल्द दूर की जाएगी।
-डा. हरेन्द्र कुमार आलोक, सिविल सर्जन, मुंगेर।

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