अवैध रूप से चल रहे नर्सिंगहोम और पैथोलोजी लैब पर शिकंजा

पूर्णिया। बिना निबंधन के संचालित हो रहे मेडिकल संस्थानों की अब खैर नहीं है। चिकित्सकों को योग्यता प्रमाण पत्र जमा करने का एक सप्ताह वक्त के बाद नर्सिंग होम और पैथोलोजी लैब पर शिकंजा करने की तैयारी है जो नियम के मुताबिक नहीं संचालित हो रहे हैं। इस संबंध में सीएस ने टीम गठित कर दी है और जल्द ही इसकी सूची तैयार की जाएगी। सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने सभी नर्सिंगहोम और पैथोलोजी लैब की सूची तैयार करने का निर्देश दिया है। ऐसे लैब और नर्सिंगहोम जो बिना निबंधन के ही संचालित हो रहे है। उस पर शिकंजा कसने की तैयारी है। विदित हो कि इससे पूर्व भी विभाग ने ऐसे लैब और नर्सिंगहोम की सूची तैयार कर कार्रवाई की थी। वैध सूची को सार्वजनिक भी किया था।

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अब एक बार फिर बिना निबंधन के चल रहे मेडिकल संस्थानों पर कार्रवाई का मन विभाग बना चुका है। दो दिन पूर्व ही निजी चिकित्सकों को अपने योग्यता प्रमाण पत्र सिविल सर्जन कार्यालय में जमा करने का निर्देश दिया था । पत्र जारी होने के दिन से एक सप्ताह का वक्त दिया गया है। दरअसल कई चिकित्सक गलत योग्यता प्रदर्शित कर चिकित्सकीय कार्य संपादित कर रहे हैं। इससे आम मरीज बहकावे में आ जाते है निजी क्लिनिक चला रहे है। सभी चिकित्सक और निजी अस्पतालों में कार्य कर रहे है सभी चिकित्सकों को अनिवार्य रूप से योग्यता प्रमाण पत्र एक सप्ताह में जमा करना है। इसमें एमबीबीएस, रजिस्ट्रेशन प्रमाणपत्र, विशेष योग्यता प्रमाण पत्र शामिल है। सिविल सर्जन डा. एसके वर्मा ने बताया कि निजी प्रैक्टिसनर पर यह निर्देश लागू होता है। सभी को योग्यता प्रमाण पत्र समर्पित करना होगा। ऐसे नर्सिंगहोम और पैथोलोजी लैब बिना निबंधन के संचालित कर रहे है उसकी सूची भी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। सभी सूचीबद्ध लैब और अस्पताल को जानकारी सार्वजनिक किया जाएगा। मरीज और उसके परिजन किसी भी तरह से भ्रम और बहकावे में आ कर गलत जगह ना ही जांच करवायें और ना उपचार करवायें। सभी जानकारी सार्वजनिक होने पर मरीज इस बात को पुष्ट कर सकेगा उन्हें किस अस्पताल और किस चिकित्सक के पास उपचार कराना है। चिकित्सक के मन मर्जी से अपने चिकित्सकीय योग्यता की जानकारी बोर्ड पर प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं।
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कोट के लिए -
चिकित्सकों को योग्यता प्रमाण पत्र जमा करने का एक सप्ताह का वक्त दिया गया है। बिना निबंधन संचालित हो रहे है मेडिकल संस्थानों की जांच होगी। इसके लिए टीम गठित की गई है। नियमों का पालन सभी मेडिकल संस्थान को करना होगा। मरीजों के जान के साथ खिलवाड़ करने की अनुमति किसी को नहीं दी जाएगी।
- डा. एसके वर्मा, सिविल सर्जन
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