संस्थान से होती है व्यक्ति की पहचान : डा. परमानंद

मधेपुरा। ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास है। यह इसके संस्थापक कीर्ति नारायण मंडल के त्याग, तपस्या व साधना का प्रतीक और कोसी-सीमांचल की धरोहर है। हमें इस धरोहर को बचाना है और सजाना-संवारना भी है। उक्त बातें प्रधानाचार्य व पूर्व सिडिकेट सदस्य डा. परमानंद यादव ने कही। वह मंगलवार को ठाकुर प्रसाद महाविद्यालय में आयोजित एक सम्मान समारोह में बोल रहे थे।

यह समारोह वनस्पति विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व कुलसचिव डा. कपिलदेव प्रसाद और बायो टेक्नालाजी विभाग के पूर्व समन्वयक व पूर्व महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) कालेज के शिक्षक डा. उदय कृष्ण की सेवानिवृत्ति के उपरांत आयोजित किया गया था। परमानंद ने कहा कि संस्थान हमारे लिए मां है। हमें मां की तरह इसकी सेवा करनी चाहिए। व्यक्ति की पहचान संस्थान से होती है और संस्थान व्यक्ति से गौरवांवित होता है।
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डा. कपिलदेव प्रसाद ने कहा कि टीपी कालेज से उनका हार्दिक लगाव है। इस महाविद्यालय का उनके ऊपर त्रृण है। वह कभी भी इसे नहीं भूल सकते हैं। डा. उदयकृष्ण ने कहा कि उन्होंने हमेशा यथा संभव इस महाविद्यालय की सेवा की। इस अवसर पर प्रधानाचार्य डा. केपी यादव ने कहा कि महाविद्यालय व विश्वविद्यालय हमेशा इन दोनों शिक्षकों का अभाव महसूस करेगा। इन दोनों के जाने से वनस्पति विज्ञान विभाग और पूरा महाविद्यालय सूना हो गया है। कार्यक्रम की शुरूआत में शिक्षक संघ की ओर से दोनों सेवानिवृत्त शिक्षकों का अंगवस्त्रम, डायरी व कलम देकर सम्मान किया। प्रधानाचार्य ने महाविद्यालय की ओर से कुलपति का स्वागत व सम्मान किया। इस अवसर पर सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि महाविद्यालय में अब तक सेवा देने वाले सभी शिक्षकों की नामिका बनाई जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शिक्षक सह पूर्व वित्त पदाधिकारी डा. एमएस पाठक ने किया। संचालन शिक्षक संघ के सचिव सह स्नातकोत्तर गणित विभागाध्यक्ष डा. मनोज कुमार मनोरंजन ने किया। इस अवसर पर अर्थपाल डा. एके मल्लिक, परीक्षा नियंत्रक डा. मिथिलेश कुमार अरिमर्दन, सिडीकेट सदस्य डा. जवाहर पासवान, हिदी विभागाध्यक्ष डा. वीणा कुमारी, अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष डा. मनोज कुमार यादव, दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डा. सुधांशु शेखर, कोषाध्यक्ष लेफ्टिनेंट गुड्डु कुमार, डा. मिथिलेश कुमार सिंह, दीपक कुमार राणा, डा. रोहिणी, डा. प्रकृति राय, डा. जावेद अहमद, डा. आशुतोष कुमार, डा. अशोक कुमार अकेला सहित कई शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित थे।

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