पेज तीन: बाढ़ का पानी उतरने के बाद पशुओं में फैल रही बीमारियां

खगड़िया। बाढ़ का पानी जाने के बाद पशुओं में बीमारी फैलने लगी है। इससे पशुपालकों की परेशानी बढ़ गई है। डायरिया, अपच आदि कई तरह की बीमारी पशुओं में फैल रही है। गला फूलना, मुंह फूलना, खुरकी, गलघोटू, अखरिया और लंगरिया बीमारियां भी पशुओं में तेजी से फैलनी लगी है। लेकिन पशु अस्पताल में न तो दवा है और न ही चिकित्सक व टीकाकरण की व्यवस्था। खजरैठा के पशुपालक श्याम नंदन सिंह, श्रीकृष्ण सिंह ने बताया कि पशुओं में इन दिनों कई तरह की बीमारी फैली हुई है। लोग चिकित्सक को खोजने जाते हैं तो चिकित्सक नहीं मिलते है। अधिकांश पशु अस्पतालों में चिकित्सक नहीं हैं। लोग ग्रामीण डाक्टर से इलाज कराने को विवश हैं। जानकारी अनुसार परबत्ता प्रखंड क्षेत्र में छह पशु चिकित्सालय, दो पशु उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। लेकिन मात्र दो डाक्टर है। जबकि प्रखंड क्षेत्र में 65 हजार दुधारू पशु, 51 हजार बकरी, आठ सौ घोड़े हैं।


प्रखंड में प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय परबत्ता, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय डुमरिया बुजुर्ग, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय सलारपुर, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय मड़ैया, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भरतखंड, प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय बंदेहरा है। इनमें मड़ैया के चिकित्सक प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय परबत्ता को भी देखते हैं। जबकि बंदेहरा के पशु चिकित्सक प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भरतखंड को भी देखते हैं। शेष पशु चिकित्सालय गोगरी के पशु चिकित्सक के भरोसे है। भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी डा. विजय कुमार ने कहा की इन दिनों डायरिया, अपच की शिकायत पशुओं में मिल रही है। दवा की पर्याप्त व्यवस्था है। करीब ढाई हजार पशुओं का टीकाकरण भी हुआ है। बाढ़ के दौरान जगह-जगह कैंप भी लगाए गए थे। डाक्टरों की कमी को लेकर ऊपर जानकारी दी गई है।

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