हेडमास्टर बनाए गए मास्टर ट्रेनर, कैसे संचालित होंगे स्कूल

लखीसराय। पंचायत चुनाव की तैयारी को लेकर कई कोषांग बनाए गए हैं। सभी कोषांगों में सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। जिले में करीब आठ हजार चुनाव कर्मियों को प्रशिक्षण देने के लिए कार्मिक कोषांग ने 103 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर बनाया है। इसमें 60 उत्क्रमित मध्य और माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक भी शामिल हैं। ये अगले एक महीने तक प्रशिक्षण कार्य में लगे रहेंगे। ऐसे में बिना प्रधानाध्यापक के विद्यालय का संचालन पूरी तरह से प्रभावित होगा। प्रधानाध्यापकों को मास्टर ट्रेनर बनाए जाने पर शिक्षक संघों के प्रतिनिधियों ने भी आपत्ति जताई है। कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने बताया कि बिना किसी पूर्व सूचना के हर चुनाव में कार्मिक कोषांग में प्रतिनियुक्त कतिपय शिक्षक बिना सहमति लिए प्रधानाध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में चयन कर वरीय पदाधिकारी से अनुमति ले लेते हैं। प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण कार्य में लगाए जाने से विद्यालय का सारा कार्य बाधित हो जाता है। प्रधानाध्यापकों ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार चुनाव कार्य के लिए प्रतिनियुक्ति से पहले कर्मचारियों को उपलब्ध कराने के लिए संबंधित विभाग के पदाधिकारी से अनुरोध करने का प्रावधान है। संबंधित पदाधिकारी निर्वाचन कार्य में किसी भी कर्तव्य के लिए आवश्यकतानुसार कर्मियों की सूची जिला निर्वाचन पदाधिकारी को देंगे। लेकिन, जिले में पूर्व से चली आ रही परंपरा के अनुसार कार्मिक कोषांग से जुड़े कतिपय शिक्षक खुद प्रधानाध्यापकों का चयन कर उन्हें निर्वाचन कार्य के लिए अधिकृत कर देते हैं। ---


क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिले में गत वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में कुल 40 शिक्षक मास्टर ट्रेनर थे। इस बार पंचायत चुनाव के लिए मास्टर ट्रेनर की संख्या बढ़ाई गई है। इसमें पूर्व में जो शिक्षक कभी मास्टर ट्रेनर रहे थी उन्हीं को शामिल किया गया है। किसी भी प्रधानाध्यापक ने पूर्व से कोई जानकारी नहीं दी है। चुनाव एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसमें सबों का सहयोग लेना पड़ता है।
प्रेमलता, नोडल पदाधिकारी, कार्मिक कोषांग

अन्य समाचार